दरअसल, अपना सिंदूर बचाने के लिए एक महिला दो खूंखार भालुओं से भिड़ गई। अपनी जान की परवाह किए बगैर करीब 22 मिनट तक लड़ती रही। पति को बचाते हुए गंभीर रूप से घायल हो गई फिर भी पीछे नहीं हटी। आखिर में दोनों भालुओं को भागने पर मजबूर कर दिया।
इतना ही नहीं बहादुर इतवारी घायल होने के बाद पति को कंधे से सहारा देकर सुरक्षित जंगल से बाहर भी लेकर आई। घटना के साक्षी बने ससुराल साहू ने बताया कि अकेले भालू से लड़ना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन इतवारी साहस का परिचय देते हुए दो भालुओं से अकेले लड़ती रही।
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बकरियां ढूंढने निकले थे जंगल
लेमरू वन परिक्षेत्र के अलगीडोंगरी गांव में इतवारी बाई अपने पति के साथ जंगल में बकरियां ढूंढने गई थी। तभी उसके पति पर अचानक दो भालुओं ने हमला कर दिया। पति को बचाने के लिए इतवारी ने लकड़ी के डंडे से भालुओं से भिड़ गई। फिर वह दोनों भालुओं से 22 मिनट तक लड़ती रही और भालुओं को खदेड़ने कामयाब रहे।
कोरबा की डीएफओ अलका पांडे ने बताया कि लोगों को इस तरह की घटनाओं से बचाने के लिए वन विभाग समय-समय पर अलर्ट करता है। महिला ने अपनी जान पर खेल कर पति को भालू से बचाया। इसमें महिला भी चोटिल हुई।