एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र में कोरबा जिले के रानी अटारी में 2 कोयला खदान संचालित है। जिसमें एसईसीएल की अनुबंधित बस प्रतिदिन चिरमिरी से कर्मचारियों को लेकर ड्यूटी करने ले जाती है लेकिन प्रबंधन की लापरवाही के कारण बस की हालत बहुत खराब है। 30 सीटर बस में दोगुना कर्मचारी बैठाया जाता है।
खटारा बस देख भड़के थाना प्रभारी
वहीं विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद थाना प्रभारी में मौके पर पहुंचे और चार बसों को अपने कब्जे में कर लिया है। इस दौरान थाना चिरमिरी शुक्ला ने बसों की खराब हालत को देखकर जमकर भड़के और कहा कि ऐसी बसों में तो जानवर भी यात्रा नहीं करेगा। बिना ब्रेक, दस्तावेज, परमिट बैच नहीं लगे हैं।
विरोध करने पर निलंबित करने की धमकी
आंदोलन करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि खटारा बस के संबंध में शिकायत करने पर एसईसीएल प्रबंधन श्रमिकों को अन्यत्र ट्रांसफर से लेकर सस्पेंड करने की धमकी देता है। 35 सीटर बस में जबरन 70-80 श्रमिकों को बैठाकर ड्यूटी करने भेजा जाता है।
शहडोल से सभी बसों का अनुबंध
एसईसीएल कर्मचारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश के शहडोल से सभी बसों को अनुबंध किया गया है और स्कूल बस के नाम पर संचालित हैं लेकिन बसें कहीं भी और किसी भी कार्य में दौड़ा दी जाती हंै।
अनुबंधित बस जर्जर होने से हाल में इतनी दुर्घटनाएं
1. 11 जुलाई 2018 को ब्रेक फेल होने के कारण खडग़वां-दूबछोला के बीच में बस अनियंत्रित हो गई थी।
2. 4 अगस्त 2018 को बरतुंगा कॉलरी में स्कूल बस के नाम से संचालित महाशक्ति ट्रांसपोर्ट की चपेट एक स्कूली छात्र की मौत हो गई थी।
3. जून 2018 को रतनपुर-कोरबी के बीच बस का बे्रक फेल होने से दुर्घटनाग्रस्त, जिसमें 35 कर्मचारी सवार थे।
4 बसों को किया गया जब्त
मामले की जानकारी होने के बाद मौके पर पहुंच कर चार बस को अपनी गिरफ्त में लिया गया है और चालक एवं एसईसीएल के माध्यम से बस मालिक से सभी बसों के संपूर्ण दस्तावेज की मांग की गई है। इसके बाद आगे की कार्यवाई की जाएगी। बसों की स्थिति को देख स्वयं भयभीत हूं जो ऐसे कार्यों का स्वयं खुल कर विरोध कर रहे है।
केके शुक्ला, थाना प्रभारी चिरमिरी