chhattisgarh में नहीं दौड़ी MP के जमाने की बैलगाड़ी, नाम वही, कामकाज बदले, फिर भी 34 साल से खड़ी
कोरीयाPublished: Dec 25, 2022 07:35:11 pm
- 18.64 करोड़ के प्रस्तावित है मिलेट्स प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट, देशभर की 100 बड़ी कंपनियां जुडऩे को तैयार थी। छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को ग्राम चैनपुर मनेंद्रगढ़ में चार हेक्टेयर जमीन आवंटित थी


chhattisgarh में नहीं दौड़ी MP के जमाने की बैलगाड़ी, नाम वही, कामकाज बदले, फिर भी 34 साल से खड़ी
बैकुंठपुर। मध्यप्रदेश से आई बैलगाड़ी परियोजना छत्तीसगढ़ में ३४ साल में नहीं दौड़ सकी। परियोजना के कार्य में बदलाव हुआ। बावजूद मनेंद्रगढ़ में प्रस्तावित 1८.६४ करोड़ का मिलेट्स प्लांट प्रोजेक्ट ठण्डे बस्ते में पड़ा है। मामले में संसदीय सचिव आबकारी, वाणिज्यकर एवं उद्योग विभाग छत्तीसगढ़ ने लंबित प्रोजेक्ट का जायजा लिया है। इस दौरान उद्योग महाप्रबंधक से प्रोजेक्ट की जानकारी लेकर मंत्रालय में लंबित फाइल को जल्द आगे बढ़ाने की बात कही।
जानकारी के अनुसार अविभाजित मध्यप्रदेश में जिला व्यापार एवं उद्योग विभाग से वर्ष 1988 में मनेन्द्रगढ़ स्थित चैनपुर के खसरा नंबर 266/1, रकबा 4 हेक्टेयर भूमि को एमपी बीज निगम को बैलगाड़ी परियोजना के नाम से आवंटित थी। छत्तीसगढ़ बनने के बाद यह जमीन छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को सौंपी गई थी। जिससे बीज निगम ने भवन बनाकर कार्यालय खोला और चौकीदार की ड्यूटी लगा रखी है। वहीं बीज निगम ने चार साल पहले आवंटित जमीन में बैल परियोजना प्रारंभ नहीं होने से बदलाव कर मिलेट्स प्लांट स्थापित करने 18 करोड़ 64 लाख की लागत से प्रोजेक्ट बनाकर राज्य सरकार को सौंपी थी। जिले में मिलेट्स प्लांट(कोदो-कुटकी सहित छोटे अनाज की प्रोसेसिंग कर बाजार में सही कीमत पर बिक्री करने) की मंजूरी भी मिली थी।
१६ साल बेकार बैठे थे, लीज निरस्त के १४ साल बाद नया प्रोजेक्ट प्रस्तावित, इधर जमीन खिसक चुकी थी
छत्तीसगढ़ बीज निगम लिमिटेड को जमीन आवंटन होने के करीब १६ साल कुछ नहीं किया गया। मामले में उद्योग विभाग ने वर्ष २००४ को लीज निरस्त कर दिया। बावजूद बीज निगम ने लीज निरस्त के १४ साल बाद १८.६४ करोड़ का बड़ा प्रोजेक्ट बनाकर राज्य सरकार को भेजकर मंजूरी ली थी। इसी बीच व्यापार एवं उद्योग विभाग द्वारा आवंटित जमीन का फर्जीवाड़ा कर अवैध तरीके से मनेंद्रगढ़ के नामचीन 1७ व्यापारी को बांट दी। जिससे जमीन का मामला एसडीएम कोर्ट मनेंद्रगढ़ पहुंचा। मामले में पिछले साल राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई कर तत्कालीन उद्योग महाप्रबंधक को निलंबित और १७ व्यापारियों को गलत तरीके से आवंटित जमीन को निरस्त कर दिया है।
सर्वे रिपोर्ट: मिलेट्स प्लांट से 5000 किसान लाभांवित, देशभर में फुड प्रोडक्ट बेचने की तैयारी थी
छत्तीसगढ़ बीज निगम लिमिटेड के अनुसार अभनपुर(रायपुर) में बैलगाड़ी परियोजना के नाम से आवंटित जमीन पर जैविक खाद प्लांट लगाया है। उसी तर्ज पर मनेंद्रगढ़ में आवंटित जमीन पर मिलेट्स प्लांट स्थापित करने नया प्रोजेक्ट लगाने राज्य सरकार से मंजूरी मिली थी। मिलेट्स प्लांट से जिले के 5000 किसान को लाभांवित करने और प्लांट के उत्पाद की बिक्री करने 100 बड़ी कंपनियां जुडऩेे को तैयार थी। जिले में कोदो-कुटकी स्थानीय बाजार में महज 15-20 रुपए किलो बेचते हैं। प्लांट से प्रोसेसिंग करने के बाद 50-60 रुपए किलो और राजधानी रायपुर सहित बड़े शहरों में 80-100 रुपए किलो बिकेगा।
उस समय के जमीन आवंटन को निरस्त कर कार्रवाई की गई थी। अब नए प्रोसेस में लिया गया है। ले-आउट करा नए सिरे से प्रारंभ किया जाएगा। डायरेक्टोरेट में लंबित मामले में कागजी कार्रवाई पूरी कर जल्द शुरू होगी।
यूडी मिंज, संसदीय सचिव आबकारी, वाणिज्यकर एवं उद्योग छत्तीसगढ़