प्रशासनिक टीम ने पोकलेन, डंपर सहित बड़ी गाडिय़ां छोड़ीं, कार्रवाई में भेदभाव का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने किया घेराव
Administration raided in Banas river
बैकुंठपुर. प्रशासनिक और खनिज अमला की संयुक्त टीम ने बुधवार की सुबह जनकपुर के बनास नदी से रेत परिवहन करने वाले 8 ट्रैक्टर को पकड़ लिया। मामले में ग्रामीणों ने कार्रवाई में भेदभाव करने का आरोप लगाकर प्रशासनिक टीम को घेर लिया और रेत उत्खनन करने वाली पोकलेन मशीन, डंपर सहित अन्य बड़ी गाडिय़ों पर कार्रवाई करने अड़े हुए हैं।
तहसीलदार व खनिज विभाग की संयुक्त टीम ने बनास नदी में छापामार कार्रवाई कर 8 ट्रैक्टर को पकड़कर थाना में खड़ा कर दिया है। वहीं नदी के बीच से रेत उत्खनन करने वाली पोकलेन मशीन, डंपर सहित अन्य बड़ी गाडिय़ों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।
मामले में नाराज ग्रामीणों ने प्रशासनिक टीम का रास्ता रोक कर घेराव कर दिया। वे मशीन सहित बड़ी गाडिय़ों पर कार्रवाई कराने अड़ गए। ग्रामीणों ने प्रशासनिक टीम पर कार्रवाई में भेदभाव करने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि कार्रवाई के नाम पर स्थानीय ट्रैक्टर को पकड़कर खानापूर्ति की जा रही है।
जबकि बनास नदी से रेत उत्खनन कर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के विभिन्न शहरों में परिवहन करने वाली गाडिय़ों को छोड़ दिया गया है। गौरतलब है कि कोरिया के ग्राम पंचायत भरतपुर के बनास और सिंघौर नदी में रेत उत्खनन की लीज दी गई है। लेकिन लीजधारी ने नियम-कायदे को ताक पर रखकर रेत उत्खनन शुरू कर दिया है और उत्तरप्रदेश-मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में आपूर्ति की जा रही है।
भारी वाहनों में ओवरलोड रेत होने के कारण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़क जर्जर हो चुकी है। इससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बनास-सिंघौर नदी से दिन-रात रेत उत्खनन से परेशान ग्राम पंचायत कंजिया, जमथान, घटई के ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था और कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी।
एक दिन में 30 लाख का रेत परिवहन कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष गुलाब कमरो ने बताया कि लीज नियम का उल्लंघन कर बनास नदी से एक दिन में करीब 30 लाख का रेत परिवहन किया जा रहा है। नदी से प्रतिदिन 100 बड़ी गाडिय़ां निकलती है। जिसमें लोड रेत की कीमत 30 हजार रुपए तक आंकी गई है।
वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों में सिर्फ 8 टन माल लोड गाडिय़ां चलाने की अनुमति है। बावजूद रेत कारोबारी 36 टन रेत लोडकर गाडिय़ां दौड़ा रहे हैं। नदी से रेत लोडकर डंपर सहित बड़ी गाडिय़ां जनकपुर के बीच से गुजरती है। जिससे पक्की सड़कें जर्जर हो चुकी हैं।