Army soldier death: राजस्थान के जैसलमेर समेत अन्य स्थानों में पदस्थ था थलसेना का जवान, गृहग्राम में जनप्रतिनिधियों व पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई श्रद्धांजलि
Army soldier
बैकुंठपुर. राजस्थान के जैसलमेर में पदस्थ आर्मी जवान कुछ दिनों पूर्व अचानक बीमार पड़ गया था। उसे कमांड हॉस्पिटल पुणे में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत (Army soldier death) हो गई। उसका शव वहां से रायपुर भेजा गया।
रायपुर से मंगलवार की शाम करीब 7 बजे शव गृहग्राम बैकुंठपुर के हर्रापारा पहुंचा। जवान का शव देख पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। वहीं मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती 5 वर्षीय बेटी को बुधवार को पिता के अंतिम दर्शन के लिए लाया गया। पिता का शव देख वह फफक पड़ी।
यह देख वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। फिर तिरंगे में लपेटकर आर्मी जवान के पार्थिव शरीर को जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। जवान ने करीब 16 साल तक आर्मी में अपनी सेवाएं दीं।
कोरिया जिले के बैकुंठपुर हर्रापारा निवासी अनिल कुमार साहू पिता रामकृपाल साहू (35) वर्ष 2003 में थलसेना में भर्ती हुए थे। इस दौरान राजस्थान के जैसलमेर सहित अन्य स्थल पर उसने सेवाएं दीं। अचानक बीमार पडऩे के कारण उन्हें कमांड हॉस्पिटल पुणे में भर्ती कराया गया था।
काफी लंबा इलाज चलने के बाद शनिवार को उनकी मौत हो गई थी। सैनिक अस्पताल में सारी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद शव रायपुर भेजा गया था। वहीं मंगलवार शाम करीब 7 बजे उसका शव बैकुंठपुर लाया गया।
घटना की सूचना मिलने के बाद स्थानीय विधायक अंबिका सिंहदेव, नपा अध्यक्ष अशोक जायसवाल, पूव नपाध्यक्ष शैलेष शिवहरे सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि-अधिकारी, जिला सैनिक कल्याण संघ के एसके त्रिपाठी पहुंचे। तिरंगे में शव को लपेटकर सर्वेश्वरी नगर मुक्तिधाम में अंतिम-संस्कार किया गया।
अस्पताल में भर्ती बिटिया पिता का शव देख फफक पड़ी मृतक आर्मी जवान की 5 साल की बिटिया है। तबियत खराब होने पर उसे उपचार कराने अंबिकापुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पिता की मौत की खबर सुनने के बाद बिटिया को अंतिम दर्शन कराने लाया गया था।
इस दौरान अपने पिता का शव देखकर फफक-फफक कर रो पड़ी। परिवार के अन्य सदस्य जैसे-तैसे बिटिया को बड़ी मुश्किल से पिता शव के पास से दूर ले जाया गया। सर्वेश्री नगर मुक्तिधाम में पिता ने अपने जवान बेटे को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।