पिता-पुत्र (father-son drowned) को डूबते हुए वहां कुछ चरवाहों ने देखा, उन्होंने गांव के लोगों को भी बुलाया लेकिन डेम की गहराई को देखते हुए किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वे उन्हें बाहर निकाल पाए।
सूचना पर रविवार की सुबह पुलिस पहुंची और स्थानीय गोताखोरों की मदद से पिता-पुत्र की लाश बाहर निकाली गई। यह नजारा जिसने भी देखा, उसकी आंखें नम हो गईं। इस दर्दनाक घटना से परिजनों व गांव में मातम पसरा हुआ है।
कोरिया जिले के नागपुर चौकी अंतर्गत ग्राम मोरगा निवासी बाबूलाल पिता थोरी 45 वर्ष के रिश्तेदार ग्राम नवापारा में रहते हैं। शनिवार की शाम करीब 5.30 वह नवापारा जाने के लिए अपने 6 वर्षीय पुत्र नैहरलाल के साथ निकला था। रास्ते में पडऩे वाले डेम में पिता अपने पुत्र को कंधे पर बैठाकर उतर गया।
धीरे-धीरे वह आगे बढ़ रहा था, इसी दौरान गहराई का अंदाजा नहीं लग पाया और पिता-पुत्र डूब (Father-son drowned in dam) गए। पिता-पुत्र को डेम में डूबते हुए वहां मौजूद चरवाहे सत्यपूजन व इंद्रपाल ने देखा था लेकिन वे कुछ न कर पाए।
सूचना पर रविवार की सुबह पुलिस पहुंची और दोनों के शवों को स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बाहर निकलवाया। पुलिस ने पंचनामा पश्चात शवों को पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया। पीएम पश्चात शव परिजन को सौंप दिया।
गांव वाले भी कुछ नहीं कर पाए
पिता-पुत्र (Father-son death) को डेम में डूबते देख दोनों चरवाहों ने शोर मचाना शुरु किया। वे तत्काल गांव में गए और इसकी जानकारी अन्य लोगों को दी। खबर मिलते ही कई ग्रामीण वहां पहुंच गए लेकिन डेम की गहराई के डर से वे पानी में नहीं उतरे।
परिजनों में पसरा मातम
पिता व उसके मासूम पुत्र की डूबकर मौत हो जाने से परिजनों में मातम पसर गया है। शव निकालने के दौरान ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा। पिता-पुत्र की लाश जैसे ही बाहर निकाली गई, वहां मौजूद परिजनों का जहां रो-रोकर बुरा हाल हो गया, वहीं ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गईं।