कोरिया जिले की चरचा पुलिस के अनुसार 10 वर्ष पुराना मामला विवेचना में लंबित था। यह 21 नवंबर 2010 का मामला है। ग्राम सरडी निवासी लक्ष्मी प्रसाद राजवाडे एवं उसका पुत्र पिन्टू उर्फ पूनम राजवाड़े घर में खाना खाने से अचेत हो गए थे। दोनों को रीजनल अस्पताल चरचा में भर्ती कराया गया था।
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इलाज के दौरान पिन्टू की मौत
(Brother murder) हो गई थी और पिता लक्ष्मी प्रसाद राजवाड़े जीवित बच गए थे। रीजनल अस्पताल के मेमो पर मर्ग कायम कर शव का पोस्ट मार्टम कराया गया। पीएम रिपोर्ट में सस्पेक्टेड पॉयजनिंग लेख कर विसरा प्रिजर्व किया गया। साथ ही खाना को जब्त कर एफएसएल रायपुर भेजकर जांच कराई गई थी।
रिपोर्ट में आरगेनोफॉस्फोरस मिथाईल पैराथियान कीटनाशक जहर के कारण मौत होना पाया था। मामले में 19 जनवरी 2019 को धारा 307, 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना की गई।
(Brother murder) इस दौरान लक्ष्मी प्रसाद राजवाड़े एवं गवाहों ने बताया कि उसकी पत्नी सोनकुंवर 6-7 वर्ष पहले छोड़कर चली गई थी। इसके बाद वह छोटा बेटा मृतक पिन्टु उर्फ पूनम राजवाड़े और बड़ा बेटा आरोपी मनोज कुमार राजवाड़े साथ रहते थे।
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पिता ने की थी दूसरी शादी तो रखता था रंजिशकुछ साल बाद मृतक के पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। इसी बीच आरोपी मनोज राजवाड़े का अपने पिता, भाई मृतक पिन्टू व दूसरी मां सरस्वती राजवाड़े से अनबन हो गई थी। आरोपी ने अपने पिता, भाई व दूसरी मां की हत्या करने खाने में जहर मिलाया था।
मामले में 12 अप्रैल 2021 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया। कार्रवाई में थाना प्रभारी पी. तिवारी, नवीन साहू, अखिलेश जायसवाल, अमित त्रिपाठी, गौतम टेकाम व आरक्षक ज्वाला साहू शामिल थे।
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जमीन हथियाने के लिए खाने में मिलाया था जहरआरोपी मनोज एक वर्ष बाद अपनी मां के पास तलवापारा बैकुंठपुर में रहने लगा था। वहीं अपने पिता से भरण-पोषण के लिए पैसे मांगने जाता था तो गाली-गलौज कर भागा देते थे। इसी बात के कारण रंजिश रखता था और अपने पिता, भाई व दूसरी मां की हत्या
(Murder) कर जमीन जायदाद को हथियाने की योजना बनाई थी।
21 नवंबर 2010 को भोर में धान मिसाई कर रहे थे। उसी समय सूने घर में आरोपी मनोज ने खाने तथा सब्जी में कीटनाशक दवा मिलाई थी। कीटनाशक जहर की गंध आने के बाद खाने को जमीन में गाड़ दिया, लेकिन काट कर रखी सेमी की सब्जी को पका कर खा गए थे। इससे पिंटू की मौत और पिता लक्ष्मी की स्थिति गंभीर हो गई थी।