साथ ही एक दशक से बंगला खाली कराने, पैनल रेंट वसूलने सिर्फ चि_ी लिख रहा है। फिलहाल पुराने सरकारी बंगले की जगह सहायक वन संरक्षक ने नई प्राइवेट बिल्डिंग खड़ी कर दी है।
कोरिया वनमण्डल ने भट्ठीपारा में सरकारी जमीन पर परिक्षेत्राधिकारी उत्पादन निवास बैकुंठपुर के नाम से सरकारी बंगला (एच-टाइप) निर्माण कराया था। इसका क्षेत्रफल 12 बाई 9 कुल 108 वर्ग फीट है। जिसमें वर्ष 2000 से पहले तत्कालीन वनपरिक्षेत्राधिकारी वाईपी मिश्रा निवास करते थे।
मामले में तत्कालीन डीएफओ आरबी सिन्हा ने परिक्षेत्राधिकारी बंगला खाली होने के बाद तत्कालीन सहायक वन सरंक्षक लक्ष्मण सिंह को आवंटित कर दिया था, फिर उनका वर्ष 2008 में अचानकमार टाइगर रिजर्व तबादला हुआ था। इस मामले में वर्ष 2009 में नोटिस जारी कर 7 दिन के भीतर खाली करने नोटिस जारी हुआ था।
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वहीं सहायक वन संरक्षक का बीजापुर आवापल्ली, फिर एसडीओ फॉरेस्ट पत्थलगांव (जशपुर वनमण्डल) तबादला हुआ था। इसी बीच
तत्कालीन सहायक वन संरक्षक ने पुराने बंगले को तोड़कर अपनी प्राइवेट बिल्डिंग खड़ी कर दी। तत्कालीन डीएफओ ने नवंबर 2012 को बंगला खाली कराने नोटिस जारी किया था।
बावजूद सरकारी बंगले को अपने जूनियर अफसर से खाली नहीं करा पाए। मामले में विवाद बढऩे पर एसडीएम बैकुंठपुर से जांच रिपोर्ट मांगी थी। फिलहाल वन अमला पिछले एक दशक से एसडीएम, मुख्य वन संरक्षक सरगुजा को चिट्टी लिख रहा है।
तीन बार पैनल रेंट वसूलने आदेश हुआ, फिर मामला ठण्डे बस्ते में
तत्कालीन सहायक वन संरक्षक का एसडीओ फॉरेस्ट आवापल्ली बीजापुर वनमण्डल में तबादला होने के बाद 10 जनवरी 2012 को भारमुक्त कर दिया गया था। लेकिन रेंजर बंगला खाली नहीं करने के कारण पहली बार वर्ष 2009 में आदेश जारी कर अक्टूबर 2006 से 2009 तक कुल 34 माह का पैनल रेंट कुल 1 लाख 36 हजार रुपए वसूलने नोटिस जारी किया गया था।
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वहीं दूसरी बार अक्टूबर 2015 में पैनल रेंट वसूलने आदेश हुआ था। अवैध तरीके से रेंजर बंगला में रहने पर जुलाई 2012 से नवंबर 2015 तक बाजार भाव (पैनल रेंट) वसूलने और तीसरी बार जून 2016 में आदेश जारी कर हर महीने तनख्वाह से 8700 रुपए वसूलने आदेश दिया गया था।
प्रिमियम किराया वसूलने लिखा गया है पत्र
सरकारी आवास में अनाधिकृत रूप से रहने के खिलाफ प्रिमियम रेंट वसूलने पत्र लिखा गया है। जिस वनमण्डल में कार्यरत हैं, उसी वनमण्डल से प्रिमियम रेंट की वसूली होनी है। काई कर्मचारी प्रिमियम रेंट देकर सरकारी आवास में रह सकता है। फिलहाल रेंट वसूलने की वनमण्डल कोरिया को कोई सूचना नहीं दी जा रही है। मामले मेें राजकुमार ने कोर्ट केस भी किया है।
जैनी ग्रेस कुजूर, एसडीओ फॉरेस्ट वनमण्डल कोरिया