ऐसे में ग्रामीण बैंक के पास ही दिनभर इंतजार करने को विवश हैं। कई बार ग्राहक इंतजार करते-करते बैंक के दरवाजे पर ही सो जाते हैं। बैंक द्वारा सही जानकारी नहीं देने से एक महिला बैंक परिसर में ही सो गई।
कोरिया जिले के खडग़वां विकासखंड के देवाडांड़ में सेंट्रल बैंक (Central bank) ऑफ इंडिया की शाखा खुले लगभग दस वर्ष बीत गए। बावजूद कामकाज सही ढंग से संचालित नहीं है। हर सप्ताह लेनदेन को प्रभावित करने वाली कोई बड़ी समस्याएं सामने आने लगी है। पिछले आठ दिन से बैंक का मुख्य यूपीएस खराब पड़ा है।
इससे आने वाले ग्राहकों को बैंक प्रबंधन लिंक फेल होने बात कहकर घंटों इंतजार कराता है। दूर-दराज से आए ग्रामीण बैंक परिसर के आसपास दिनभर विश्राम करते हैं और बंद होने से पहले एक बार बैंक जाकर जानकारी लेते हैं। इस दौरान बैंक प्रबंधन का जवाब सुनकर निराश अपने घर लौट जाते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि खेती किसानी के समय में क्षेत्र के ग्रामीण जनता को खाद-बीज, रोपाई के लिए पैसों की जरूरत होती है, लेकिन बैक प्रबंधन लिंक खराब होने की बात कहकर कई घंटे तक इंतजार कराता है।
लिंक फेल कहकर घंटों कराते हैं इंतजार
ग्रामीण सुबह 10 बजे से आकर भूखे-प्यासे बैक के सामने बैठकर लिंक आने का इंतजार करते रहते है। कई इंतजार करते समय बैक के सामने जमीन पर सो जाते हैं।
अगर बैक प्रबंधन से लेनदेन में आने वाली समस्या पूछने पर डांट फटकार कर एक ही रटा रटाया जवाब रहता है, बोले न लिंक खराब है। क्या बार-बार बताएं। बैक प्रबंधन के इस तरह के रवैय्ये से निराश होकर हितग्राही दिनभर लिंक आने का इंतजार कर शाम को घर चले जाते हैं। जिससे बैक प्रबंधन के प्रति लोगों मे काफी रोष है।
करा रहे हैं सुधार कार्य
यूपीएस में खराबी आने के कारण भुगतान बंद था। सुधरवाने का प्रयास जारी है।
अमरजीत किस्पोट्टा, मैनेजर सेंट्रल बैंक देवाडांड़ (Central bank)