10वीं में अध्ययनरत एक 16 वर्षीय छात्रा ने परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास सोनहत को लिखित शिकायत सौंपी। शिकायत में उसने बताया कि 10 फरवरी को उसके माता-पिता जबरन उसका बाल विवाह कराने वाले हैं, जबकि वह आगे की पढ़ाई करना चाह रही है।
मामले की शिकायत मिलने के बाद परियोजना अधिकारी ने तत्काल एक्शन लिया। वे अपनी टीम व पुलिस के साथ मौके पर पहुंचीं। उन्होंने छात्रा के माता-पिता को समझाइश दी। टीम ने बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र में बालिका की शादी करना बाल विवाह के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
मंदिर में चोरी-छिपे घरवाले बेटी की कर रहे थे शादी, एक फोन कॉल से लौट गई बारात, पंडित जी भी आए लपेटे में
बाल विवाह कराने वाले व्यक्तियों को 2 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। यह भी समझाइश दी कि आपकी बिटिया होनहार है, आगे की पढ़ाई करने की इच्छुक है। कम उम्र में शादी होने से इसका भविष्य खराब हो जाएगा। साथ ही बालिका का स्वास्थ्य (Girl health) भी संकट में आएगा। बालिका के बच्चे कुपोषित हो सकते हैं। प्रशासनिक टीम की समझाइश के बाद बालिका के माता-पिता ने विवाह स्थगित करने की सहमति दी।
पुलिस के पहुंचने से पहले शादी का मंडप उखाड़कर भाग निकले घरवाले, दुल्हन भी घर से थी नदारद
चाइल्ड लाइन की मदद से मनेंद्रगढ़ में विवाह रोका गयाइधर महिला एवं बाल विकास परियोजना क्षेत्र मनेन्द्रगढ़ के अंतर्गत चाइल्ड लाइन 1098 को बाल विवाह होने की सूचना मिली थी। मामले में परियोजना अधिकारी, चाइल्ड लाइन (Childline), विशेष किशोर पुलिस इकाई, जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम पहुंची। इस दौरान 17 वर्ष की नाबालिग की मौके पर पहुंच कर शादी के दिन ही शादी रुकवाने में सफलता मिली।