बताया जा रहा है कि द्वितीय पाली में काम कर रहे अधिकारियों ने पहले से बारूद लगे होने की जानकारी किसी को नहीं दी थी और वे हाजिरी लगाकर फरार हो गए थे। सुबह एसईसीएल के अधिकारी पहुंचे और मौके का मुआयना किया।
चिरमिरी के गोदरीपारा आजादनगर 750 ब्लॉक निवासी धनेश्वर दास पिता पुनीत राम एसईसीएल के कुरासिया भूमिगत खदान में ड्रिलर ऑपरेटर पद पर ग्रेड-5 में कार्यरत था। वह मंगलवार की रात 2 बजे तृतीय पाली में काम करने पहुंचा। वह कोयले के खान में ड्रिल कर ब्लास्ट करने बारूद लगाने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान रात करीब 2.30 बजे पहले से वहां लगे बारूद में अचानक ब्लास्ट हो गया। तेज धमाके के साथ हुए ब्लास्ट में धनेश्वर भी उड़ गया। इससे उसके शरीर के चीथड़े उड़ गए। (Major accident in coal mines)
घटना की सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे। रात में ही मजदूर का शव इकट्ठा कर अस्पताल भिजवाया गया। सुबह खदान में विधायक डॉ. विनय जायसवाल समेत एसईसीएल के अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया।
द्वितीय पाली के अधिकारी जिम्मेदार!
ड्रिलर ऑपरेटर की दर्दनाक मौत के पीछे द्वितीय पाली में काम कर रहे ओवरमेन, माइनिंग सरदार व शॉटफायर की लापरवाही बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार ये तीनों हाजिरी लगाकर अपने घर चले गए थे।
उन्होंने पहले से वहां बारूद लगे होने की जानकारी नहीं दी थी। इस कारण तृतीय पाली में काम कर रहे लोगों को इसकी जानकारी नहीं हुई और हादसा हो गया। (Coal Mines accident)
हाजिरी लगाकर हो जाते हैं फरार
गौरतलब है कि इस खदान में काम करने वाले 50 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी व रसूखदार नेता सिर्फ हाजिरी लगाकर फरार हो जाते हैं। एसईसीएल प्रबंधन भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं करता है।
हाजिरी लगाकर हो जाते हैं फरार
गौरतलब है कि इस खदान में काम करने वाले 50 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी व रसूखदार नेता सिर्फ हाजिरी लगाकर फरार हो जाते हैं। एसईसीएल प्रबंधन भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं करता है।