अविभाजित सरगुजा का विभाजन कर वर्ष 1998 में कोरिया को अलग जिला बनाया गया है। कोरिया जिला को अस्तित्व में आए 23 साल बीत गए हैं। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने छोटे-बड़े कुल 224 अस्पताल बनाए गए हैं। लेकिन इतने साल में जच्चा-बच्चा सुरक्षा मापदण्ड के हिसाब से एक भी अस्पताल बिल्डिंग नहीं बनी है।
मनेंद्रगढ़ में सिविल अस्पताल की सख्त जरूरत
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरिया का व्यापारिक जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ है। कोरिया को जिला बने 23 साल बीत गए हैं, लेकिन हमारी बिडंबना है कि कोरिया में एक भी आइडियल हॉस्पिटल नहीं बन पाई है। वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ है। बावजूद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग पर संचालित है। मनेंद्रगढ़ बहुत पुराना शहर है। यहां एक आइडियल सिविल अस्पताल की सख्त जरूरत है।
120 उप स्वास्थ्य केंद्रों तक संस्थागत प्रसव सुविधाएं मिलने लगी
कलक्टर श्याम धावड़े ने जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। संस्थागत प्रसव की सुविधाएं मुहैय्या कराने सुदूर वनांचल तक पहुंचाने स्वयं भरतपुर विकासखण्ड जैसे दूरस्थ क्षेत्र से लेकर आनंदपुर, गोयनी, देवसिल, हरचौका पहुंच चुके हैं। स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने लगातार प्रयासरत हैं। जिससे पिछले छह महीने में 70 से बढ़कर 120 उप स्वास्थ्य केंद्रों में संस्थागत प्रसव की सुविधाएं मिलने लगी है।
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इतने अस्पताल संचालित हैं
जिला अस्पताल 01
शहरी अस्पताल 01
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 05
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 30
उप स्वास्थ्य केंद्र 188
कुल स्वास्थ्य केंद्र 224
इस जिले के लोगों की है विडंबना
बिडंबना है कि जिले में एक भी एमसीएच हॉस्पिटल (MCH hospital) नहीं है। मनेंद्रगढ़ सहित अन्य अस्पताल निर्माण इंफ्रास्ट्रक्चर डिफेक्ट है। आइडियल कंस्ट्रक्शन कहीं नहीं कराया गया है।
डॉ. रामेश्वर शर्मा, सीएमएचओ कोरिया