अब गार्डन बन जाने से यहां यहां कैंटीन, झूले सहित अन्य सुविधाएं भी विकसित की गई हंै। गार्डन में रोजाना सैलानी पहुंचते हैं और टावर में चढ़कर जंगल का प्राकृतिक नजारा देखते हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद सोनहत थाना के कई क्षेत्र नक्सल प्रभावित थे। ऐसे में पुलिस विभाग ने कई जगह वाच टॉवर का निर्माण कराया था। यहां से पुलिस द्वारा नक्सलियों पर नजर रखी जाती थी।
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद सोनहत थाना के कई क्षेत्र नक्सल प्रभावित थे। ऐसे में पुलिस विभाग ने कई जगह वाच टॉवर का निर्माण कराया था। यहां से पुलिस द्वारा नक्सलियों पर नजर रखी जाती थी।
वर्तमान में कोरिया जिला कई साल पहले नक्सल समस्या से पूरी रहत से मुक्त हो गया है। अब बैकुंठपुर-सोनहत रोड किनारे निर्मित पुराने नक्सल वाच टॉवर को संवारा गया है। वनपरिक्षेत्र बैकुंठपुर वाच टॉवर की सीढ़ी व फर्स पर टाइल्स, संगमरमर सहित अन्य चीजें लगाकर संवारा है। वहीं आसपास के क्षेत्र को कंटीले तार से घेरावा कर दिया है। इसके अलावा बिजली के लिए सोलर सिस्टम लगाया गया है। इस कारण बैकुंठपुर व सोहनत सहित अन्य क्षेत्र के सैलानी यहां पहुंचते हैं।
कैंटीन में 9 प्रकार की सामग्री मिलेगी
बैकुंठपुर वनपरिक्षेत्र ने कैंटीन व वाच टावर का रख-रखाव करने के लिए वन प्रबंधन समिति सीमापुर को जिम्मेदारी सौंपी है। इसमें स्पेशल चाय, लाल चाय, आलू चाप, भजिया, बिस्किट, पानी बाटल-पाउच सहित अन्य प्रकार की सामग्री मिलती है।
कैंटीन सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है। वहीं वाच टावर परिसर के अंदर व बाहर गंदगी करने पर 500 रुपए जुर्माना वसूलने का नियम बनाया गया है।