scriptनए साल से कपड़े पर लगेगा 12 प्रतिशत जीएसटी, अभी है इतना, चैंबर ऑफ कॉमर्स ने जताया विरोध | GST: 12 percent GST will be imposed on clothes from the new year | Patrika News

नए साल से कपड़े पर लगेगा 12 प्रतिशत जीएसटी, अभी है इतना, चैंबर ऑफ कॉमर्स ने जताया विरोध

locationकोरीयाPublished: Nov 28, 2021 11:59:52 pm

GST: चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों का कहना कि इससे गरीब जनता (Poors people) को अपनी जरूरतें पूरी करने महंगे दामों (Costly) पर खरीदने पड़ेंगे कपड़े, वर्ष 2014 की तरह ही कपड़े को टैक्स फ्री (Tax free) रखने की मांग

12 percent GST on cloths

GST on cloths

मनेंद्रगढ़. GST: केंद्र सरकार द्वारा 1 जनवरी से कपड़ों पर जीएसटी की दर 5 से बढ़ाकर 12 फीसदी करने के फैसले पर कड़ा विरोध जताया गया है। चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश महामंत्री संजीव ताम्रकार ने रोष व्यक्त किया है। उन्होंने क्लॉथ मर्चेंट एसोसिएशन की मांग को जो जीएसटी की दर 5 फीसदी है उसे बरकरार रखने की बात कही है।

1 जनवरी 2022 से जीएसटी की दरों में 5 से बढ़ाकर 12 फीसदी करने का निर्णय लिया गया है। उसे लेकर कपड़ा व्यवसायियों की नींद उड़ी हुई है। उन्होंने इस वृद्धि को अनुचित बताया है और कहा कि इससे गरीब तबके के लोगों को अपने जरूरतों को पूरा करने महंगे दामों पर कपड़ा खरीदना पड़ेगा।
जीएसटी की दर में वृद्धि का सीधा प्रभाव कपड़े की दरों पर पड़ेगा। कपड़ा महंगा होगा और कमजोर तबका प्रभावित होगा। यह महंगाई बढ़ाने वाला है, जबकि केंद्र सरकार महंगाई कम करने की बात कर रही है। कपड़ों पर लगने वाले जीएसटी की दरों में वृद्धि की जा रही है।

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अभी तक कपड़ा व्यापारी पूरी ईमानदारी से जीएसटी भरने का काम कर रहे हैं। जब दरों में वृद्धि होगी तो विवशता में व्यापारी जीएसटी कर में चोरी करने के लिए बाध्य होगा। इससे ईमानदार व्यापारी पिसेंगें।
उन्होंने बताया कि 2014 से पूर्व में कपड़ा टैक्स फ्री था। उसके बाद कपड़े पर 5 फीसदी जीएसटी कर लगाया गया। अब उसे बढ़ाकर 12 फीसदी किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में कपड़ा व्यवसायी केंद्र सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया है।

कपड़े को टैक्स फ्री करने की मांग
चेंबर पदाधिकारी ने मांग की है कि कपड़े को टैक्स से 2014 की तरह फ्री किया जाए। उन्होंने बताया कि टैक्स में दोगुने से अधिक वृद्धि का निर्णय लिया गया है। उससे कपड़ों की कीमतें 20 से 25 फीसदी महंगी होगी।
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