गौरतलब है कि नगर तथा ग्राम निवेश बैकुंठपुर ने मनेंद्रगढ़ पुलिस को शिकायत पत्र सहित दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। इसमें उल्लेख है कि ग्राम पंचायत चैनपुर स्थित खसरा क्रमांक 211 व 366 में अवैध रूप से कॉलोनी विकास व निर्माण किया गया है। कॉलोनाइजर रामचरण केशरवानी (दीपक केशरवानी) ने किसी भी प्रकार की अनुमति, विकास अनुज्ञा नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय बैकुंठपुर से नहीं लिया है।
न ही उक्त भूमि एवं नाम से नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय में कोई भी प्रकरण पंजीकृत है। अवैध विकास, निर्माण के पहले किसी भी प्रकार का कॉलोनाइजर प्रमाण पत्र, विकास पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं लिया गया है। बावजूद बेधड़क होकर अवैध रूप से कार्य कराया गया है।
मामले में नगर तथा ग्राम निवेश बैकुंठपुर से सितंबर 2018 को नोटिस जारी किया गया था। बावजूद कॉलोनाइजर द्वारा जारी नोटिस में उल्लेखित प्रावधानों का न ही पालन किया और न ही निर्माण कार्य को रोका गया था,
बल्कि नोटिस के जवाब में गुमराह कर भूमि खसरा क्रमांक 211 व 366 पर गलत बयान तथा निर्माण का ढिक (प्लॉट-मकान), जो उसने लोगों को बेचा था, उस पर आरोप लगा भ्रमित तथा किसी भी नियमों का उल्लंघन नहीं करने का लेख कार्यालय में जवाब प्रस्तुत किया गया था।
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मामले में कार्यालय ने कॉलोनाइजर केशरवानी द्वारा किए गए विक्रय भूमि, मकान के स्वामित्वजनों से, जो वर्तमान में उस कालोनी में निवासरत हैं, पंचनामा के रूप सामूहिक जानकारी एकत्रित की गई।
इस दौरान कॉलोनी में रहने वाले सभी से निर्माण के संबंध में कार्यालय से जारी पत्र का तत्काल जवाब पंचनामा के रूप में लिया गया। कॉलोनी में रहने वाले मालिकों से हस्ताक्षर कराए गए। साथ ही मकान मालिकों ने लिखित बयान दिया और सामूहिक रूप से हस्ताक्षर कर पत्र सौंपा गया है।
कॉलोनाइजर लाइसेंस व रेरा नियम का उल्लंघन
मामले में थाना प्रभारी को सौंपे गए पत्र में छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश के अधिनियम 1973 की धारा 36/37 का उल्लंघन, छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम के तहत बिना कॉलोनाइजर लाइसेंस तथा छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियम प्राधिकरण(रेरा) के नियमों के विपरीत बिना अनुमति अवैध जमीन विकास निर्माण कर क्रेतागणों को भ्रमित कर अपराध करना उल्लेख है। अवैध कॉलोनी निर्माण से शासन को नुकसान पहुंचाया है एवं नियमानुसार शासन से बिना लाइसेंस अवैध विकास व निर्माण किया है।