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Korba सांसद हो गए नदारद! कांग्रेसियों ने थाने में दर्ज कराई गुमशुदगी की शिकायत

locationकोरीयाPublished: Aug 21, 2017 06:00:00 pm

युकां व कांग्रेसियों ने चुनाव के बाद से कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ क्षेत्र में दिखाई नहीं देने का लगाया आरोप, पुलिस ने सांसद को खोजने का दिया आवेदन

MP missing application

Korba MP missing letter

बैकुंठपुर/मनेंद्रगढ़. कोरबा सांसद बंशीलाल महतो की गुमशुदगी दर्ज कराने का लिखित आवेदन कांग्रेसियों ने मनेंद्रगढ़ थाने में दिया है। आवेदन में उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद से वे कोरिया के मनेंद्रगढ़ क्षेत्र में नहीं देखे गए हैं। केवल चुनावी वादे कर पिछले 3 साल से नदारद हैं। उन्होंने कांग्रेसी पार्षद के नेतृत्व में थाना प्रभारी को लिखित आवेदन देकर कोरबा सांसद को खोजने की मांग की है।

पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्व सांसद चरणदास महंत को हराकर भाजपा के बंशीलाल महतो कोरबा संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। इधर मनेंद्रगढ़ के युवक कांग्रेसियों व कांग्रेसी पदाधिकारियों ने क्षेत्र में पिछले 3 सालों से नदारद रहने का आरोप लगाया है। सोमवार को पार्षद जगदीश मधुकर के नेतृत्व में काफी संख्या में युवक कांग्रेस व कांग्रेसी पदाधिकारी व सदस्य मनेंद्रगढ़ थाने पहुंचे।
उन्होंने सांसद बंशीलाल महतो की गुमशुदगी के संबंध में थाना प्रभारी को लिखित आवेदन दिया। कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव हुए 3 वर्ष बीत चुके हैं। 3 साल से सांसद कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ क्षेत्र में झांकने तक नहीं आए हैं। उन्होंने चुनाव के दौरान जनता से जो वादे किए थे उसे पूरा करने में असफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कि 3 साल पूर्व चुनावी वादे करने के बाद से वे नदारद हैं। उन्होंने थाना प्रभारी से सांसद को खोजने की मांग की है।
आवेदन देने वालों में युवक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हाफिज मेनन, अमित पांडेय, बैकुंठपुर से विधानसभा उपाध्यक्ष सुजीत सोनी, भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष पिंटू भास्कर, विपिन मिश्रा, सौरभ गुप्ता, सोहैल मेनन, संजीव सिंह, सागर शर्मा, खोंगापानी से विक्रम चौहथा सहित काफी संख्या में युवक कांग्रेस व कांगेसी नेता शामिल थे।

चुनावी वादा कर भूले
कांग्रेसियों का आरोप है कि मनेंद्रगढ़ क्षेत्र में जिस गति से विकास होना चाहिए, वह कहीं भी नहीं दिखता है। उनका कहना था कि चुनाव के दौरान तो उन्होंने क्षेत्र की जनता से बड़े-बड़े वादे किए थे। चुनाव जीतने के बाद वे अपने वादे भूल चुके हैं।

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