scriptVideo: कोरोना संकट के बीच मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में घुसा टिड्डियों का दल, कलेक्टर मौके पर | Locust attack: Locust team arrived in Chhattisgarh's Koria from MP | Patrika News

Video: कोरोना संकट के बीच मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में घुसा टिड्डियों का दल, कलेक्टर मौके पर

locationकोरीयाPublished: May 31, 2020 01:26:51 pm

Locust attack: टिड्डियों के घुसने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक, कृषि, उद्यानिकी, राजस्व विभाग हो गया सतर्क, दवाइयों का किया जा रहा छिडक़ाव

Video: मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में घुसा टिड्डियों का दल, कलेक्टर-एसडीओपी मौके पर

Collector reached Bharatpurt to see locust

बैकुंठपुर. किसानों का सबसे बड़ा दुश्मन टिड्डियों (Locust) के दल ने मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर लिया है। मध्यप्रदेश बॉर्डर से करीब 10 किलोमीटर दूर जनकपुर-भरतपुर विकासखंड के ज्वारीटोला गांव में टिड्डियों के दल के प्रवेश करने से हडक़ंप मच गया है।
शनिवार की शाम काफी संख्या में टिड्डियों के समूह के पहुंचने की खबर क्षेत्र के किसानों को लगी तो उन्होंने प्रशासन को सूचित किया। सूचना मिलते ही कृषि, राजस्व, उद्यानिकी और पुलिस प्रशासन की टीम गांव में पहुंच गई। वहीं नवपदस्थ कलक्टर एसएन राठौर, एसडीओपी कर्ण कुमार उइके भी जायजा लेने इलाके में पहुंचे। इस दौरान काफी संख्या में लोगों की भीड़ भी जुटी हुई है।
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गौरतलब है कि टिड्डियों को किसानों का सबसे बड़ा दुश्मन कहा जाता है। टिड्डियां जिस क्षेत्र में प्रवेश करती हैं वहां की फसलों व पौधों को पूरी तरह से चट कर जाती हैं।
2 दिन पूर्व ही प्रशासन, कृषि व उद्यानिकी विभाग ने लोगों को इससे सतर्क रहने कहा था, उन्होंने छत्तीसगढ़ के किसी भी इलाके में टिड्डियों के पहुंचने की सूचना तत्काल देने कहा था ताकि समय रहते उचित बचाव किया जा सके।
मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश राज्य से सटे छत्तीसगढ़ के बलरामपुर व कोरिया जिले में टिड्डियों के दल के पहुंचने की आशंका जताई जा रही थी। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश बॉर्डर से सटे भरतपुर-जनकपुर विकासखंड के ग्राम ज्वारीटोला में कल शाम टिड्डियों का दल पहुंच गया।
दवा का किया जा रहा छिडक़ाव
टिड्डियों के बड़े समूह के क्षेत्र में प्रवेश करने की सूचना मिलते ही रविवार को कलक्टर एसएन राठौर समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कुछ टिड्डियों को पकड़ा और वहां से भगाया। वहीं मनेंद्रगढ़ नगरपालिका की फायरब्रिगेड टीम द्वारा क्षेत्र में दवाइयों का छिडक़ाव किया जा रहा है।
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शाम को पहुंचता है दल
टिड्डी दल सामूहिक रूप से लाखों की संख्या में झुंड, समूह बनाकर पेड़- पौधे एवं वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। टिड्डी दल 15 से 20 मिनट में फसल के पत्तियों को पूर्ण रूप से खाकर नष्ट कर सकते हैं। यह सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं। टिड्डी दल किसी क्षेत्र में शाम 6 से 8 बजे के आस-पास पहुंचकर जमीन पर बैठ जाते हैं।

टिड्डी दल से बचाव के लिए ये सावधानी
1. टिड्डी दल का समूह जब भी आकाश में दिखाई पड़े तो उनको उतरने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेत के आसपास मौजूद घास-फूस का उपयोग करके धुआं करना चाहिए। आग जलाना चाहिए जिससे टिड्डी दल आपके खेत में ना बैठकर आगे निकल जाएगा।

2. टिड्डी दल दिखाई देते ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से आवाज कर उनकों अपने खेत पर बैठने न दें। अपने खेतों मे पटाखे फोडकऱ, थाली बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें, टैक्टर के साइलेसंर को निकाल कर भी तेज ध्वनि कर सकते हैं।

3. कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर के टिड्डी को तथा उनके अंडों को नष्ट किया जा सकता है। प्रकाश प्रपंच लगाकर एकत्रित करके नष्ट कर सकते हैं। टिड्डी दल किसी क्षेत्र में शाम 6 से 8 बजे के आसपास पहुंचकर जमीन पर बैठ जाते हैं।
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