टिड्डियों के बड़े समूह के क्षेत्र में प्रवेश करने की सूचना मिलते ही रविवार को कलक्टर एसएन राठौर समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कुछ टिड्डियों को पकड़ा और वहां से भगाया। वहीं मनेंद्रगढ़ नगरपालिका की फायरब्रिगेड टीम द्वारा क्षेत्र में दवाइयों का छिडक़ाव किया जा रहा है।
टिड्डी दल सामूहिक रूप से लाखों की संख्या में झुंड, समूह बनाकर पेड़- पौधे एवं वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। टिड्डी दल 15 से 20 मिनट में फसल के पत्तियों को पूर्ण रूप से खाकर नष्ट कर सकते हैं। यह सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं। टिड्डी दल किसी क्षेत्र में शाम 6 से 8 बजे के आस-पास पहुंचकर जमीन पर बैठ जाते हैं।
टिड्डी दल से बचाव के लिए ये सावधानी
1. टिड्डी दल का समूह जब भी आकाश में दिखाई पड़े तो उनको उतरने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेत के आसपास मौजूद घास-फूस का उपयोग करके धुआं करना चाहिए। आग जलाना चाहिए जिससे टिड्डी दल आपके खेत में ना बैठकर आगे निकल जाएगा।
2. टिड्डी दल दिखाई देते ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से आवाज कर उनकों अपने खेत पर बैठने न दें। अपने खेतों मे पटाखे फोडकऱ, थाली बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें, टैक्टर के साइलेसंर को निकाल कर भी तेज ध्वनि कर सकते हैं।
3. कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर के टिड्डी को तथा उनके अंडों को नष्ट किया जा सकता है। प्रकाश प्रपंच लगाकर एकत्रित करके नष्ट कर सकते हैं। टिड्डी दल किसी क्षेत्र में शाम 6 से 8 बजे के आसपास पहुंचकर जमीन पर बैठ जाते हैं।