स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि स्मार्ट कार्ड में जनता का पैसा लगा है और बीमा कंपनी को मुनाफा हो रहा है लेकिन स्मार्टकार्ड का सिर्फ अस्पताल में भर्ती होने पर लाभ मिलता है। प्राथमिक उपचार में लगने वाली दवाइयां, एक्स-रे, सोनोग्राफी, खून जांच कराने सहित अन्य कार्य में स्मार्टकार्ड का लाभ नहीं मिलता है।
इससे गरीब, मजदूर परिवार को एक रुपए की मदद नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वास्थ्य के कानून का अधिकार लागू करने का निर्णय लिया है और छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कानून का अधिकार लागू हो चुका है। हमारा चुनाव का मुद्दा यही है। उन्होंने कहा कि हम जल, जंगल और जमीन की बात करते हैं।
शहर व गांव में रहने वाले हर नागरिक को घर बनाने के लिए पट्टे की जमीन व छोटी बाड़ी मिलेगी। कानून में पट्टे देने का प्रावधान रखा जाएगा। आम जनता के सहयोग से ही सभी चीजें लागू होंगी। इस दौरान शिक्षामंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह व विधायक गुलाब कमरो सहित अन्य उपस्थित थे।
डॉ. रमन सिंह ने महिलाओं को ठगा
वहीं स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि आम जनता के राशन कार्ड कटने की शिकायत मिल रही है। लेकिन हमारी सरकार पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पुलिस कर्मी, सरकारी अधिकारी-कर्मचारी सहित मेरा स्वयं का राशन कार्ड बनने वाला है तो आम जनता का राशन कार्ड से नाम कटने का सवाल नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैंने चुनाव से पहले कहा कि डॉ रमन सिंह को पहला राशन कार्ड बनाकर दिया जाएगा। क्योंकि उन्होंने रक्षाबंधन के दिन बहनों को ठगा और बोला था कि मैं बहनों को घर की चाबी और ३५ किलो राशन की चाबी दे रहा हूं।
400 यूनिट तक का बिजली बिल हाफ कराने की जिम्मेदारी हमारी है
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जनता ने पार्टी पर विश्वास जताया है। ऐसे में हमने किसानों का कर्जा माफ, समर्थन मूल्य पर धान की कीमत बढ़ाई और बिजली बिल हाफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि मार्च में ४०० यूनिट तक बिल खपत करने पर अप्रैल महीने में बिल हाफ आएगा।
अगर ऐसा नहीं है तो आपने जिन्हें विधायक बनाकर रायपुर भेजा है, उन सभी की बिल हाफ कराने की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बिजली बिल हाफ कर दिया गया है। आधा बिल आप से जमा कराएंगे और आधा बिल सरकार जमा करेगी। तेंदूपत्ता का मूल्य भी बढ़ाया गया है।
तीन पीढ़ी का कब्जा अनिवार्य नहीं, एक दिन का कब्जा से वनाधिकार पट्टा मिलेगा
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि वनाधिकार पट्टा का प्रबंधन ग्राम पंचायत को सौंपा जाएगा। 2005 से पहले से वनभूमि में काबिज हर परिवार पट्टा दिया जाएगा। आदिवासी व गैर आदिवासी को वनाधिकार पट्टा देने के लिए तीन पीढ़ी का कब्जा अनिवार्य नहीं है, बल्कि एक दिन का कब्जा से ही पट्टा मिल जाएगा लेकिन उस परिवार को उस गांव का निवासी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कानून 2006 से बना है, लेकिन पिछली सरकार लागू नहीं कर सकी थी।