इसके बाद भी कुछ हितग्राहियों को शाम तक मोबाइल मिला और कुछ हितग्राही बैरंग लौट गए। मोबाइल लेने पहुंची एक वृद्धा का हाथ बर्तन मांज-मांजकर घिस गया था। उसका थंब इंप्रेशन नहीं मिलने मोबाइल मिलना मुश्किल हो रहा था। इस दौरान पार्षद ने पहल करते हुए अपने आधार कार्ड से लिंक कराकर उसे मोबाइल दिलाई।
मोबाइल तिहार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक श्यामबिहारी जायसवाल, विशिष्ट अतिथि प्रदेश किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष लखनलाल श्रीवास्तव, जिला भाजपा कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र पटवा, नपाध्यक्ष राजकुमार केशरवानी, नेता प्रतिपक्ष गुरूचरण सिंह कालरा, मंडल अध्यक्ष तपन मुखर्जी, जिला महामंत्री युवा मोर्चा हरीत शर्मा व एसडीएम प्रदीप साहू मौजूद रहे।
गौरतलब है कि बर्तन मांजते-मांजते एक बुजुर्ग महिला दूवासिया बाई की हाथ की लकीरें मिट जाने की वजह से उसका अंगूठा आधार से लिंक नही कर रहा था। मोबाइल न मिल पाने की वजह से उसे मायूस होना पड़ा इसी बात पर कर्मचारियों द्वारा पुन: कल बुलाने पर उनकी समस्याओं के समाधान करने की बात कही गई।
इसी बात को लेकर वार्ड पार्षद गोपाल गुप्ता भड़क गए उन्होंने कहा कि बुजुर्ग महिला इतनी दूर से आई है और आधार से अंगूठे थम्ब न मिलने से वापस भेज रहे हैं। उन्होंने कंपनी के अधिकारियों पर जमकर भड़ास निकालते हुए कहा कि घर में पर्ची का वितरण कर इतना दूर उक्त बुजुर्ग महिला पैदल वितरण स्थल तक आई है पर उक्त महिला की समस्या का समाधान नही हो रहा है।
इस दौरान मौके पर उपस्थित क्षेत्रीय विधायक श्याम बिहारी जायसवाल वृद्धा के पास गये व उसकी समस्या सुनीं। उनका कहना था अंगूठे के निशान न मिलने के बाद भी 12 प्रकार के अलग-अलग बिंदु शासन ने बनाए हैं। बुजुर्ग महिला के कोई परिजन न होने की वजह से घंटों मशक्कत के बाद भी महिला का अगूंठे का निशान न मिलने पर पार्षद गोपाल गुप्ता ने अपने आधार कार्ड से लिंक कराकर उक्त महिला को मोबाइल दिलवाई।
वितरण स्थल में महिलाएं रहीं परेशान
वार्ड क्रमांक-10 तिलक वार्ड की महिला रेखा सेानी जब अपना मोबाइल लेने सांस्कृतिक भवन पहुंची तो कर्मचारियों के द्वारा उसे मोबाइल पहले से ही वितरित किये जाने की बात कही गई। इसपर महिला ने इस बात से इंकार किया जिसे लेकर वह महिला कर्मचारियों के चक्कर काटती रही व कम्पनी के कर्मचारी ऊपर फोन किये जाने की बात कह कर उसे घंटे भर बैठाये रखा।
अतत: दूसरे दिन के आश्वासन पर महिला हितग्राही को मोबाइल के बिना लौटना पड़ा। वहीं वार्ड क्रमांक 11 की महिला गीताबाई को आंगनबाड़ी के द्वारा पर्ची दी गई थी, पर जब मोबाइल मिलने की बारी आई और वह भवन पहुंची उसका नाम सूची से नदारद था। उसे भी बैरंग लौटना पड़ा।
बस स्टैंड के नीचे रहने वाली माया कोरी को मोबाइल घर पहुंचने से महज 15 मिनट पहले ही खराब हो गई। उसके लिये उसे भी घंटों नपा कार्यालय के पास चक्कर काटने पड़े। इस प्रकार की कई समस्याअेां से महिलाओं को दो-चार होना पड़ा।