scriptबार-बार पत्र लिखकर त्रस्त हो चुके निगम के नेता प्रतिपक्ष ने कहा- 27 जनवरी को करूंगा आत्मदाह | Nigam leader of opposition said- i will self immolation on 27 january | Patrika News

बार-बार पत्र लिखकर त्रस्त हो चुके निगम के नेता प्रतिपक्ष ने कहा- 27 जनवरी को करूंगा आत्मदाह

locationकोरीयाPublished: Jan 11, 2023 05:22:06 pm

Warn to Self immolation: लोगों की मूलभूत समस्या सडक़, बिजली व पानी को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने निगम प्रशासन को कई बार पत्राचार के माध्यम से कराया है अवगत लेकिन समस्याएं दूर करने नहीं की जा रही है पहल, इससे क्षुब्ध होकर नेता प्रतिपक्ष ने उठाया ये कदम

Warn to self immolation

Nagar Nigam Chirimiri office

चिरमिरी पोड़ी. Warn to self immolation: वार्ड के लोगों की मूलभूत समस्याएं दूर करने की ओर निगम द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। निगम के नेता प्रतिपक्ष द्वारा इसे लेकर कई बार निगम से पत्राचार किया गया लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। समस्याएं जस की तस हैं। इधर वार्डवासी उक्त समस्याओं को दूर करने पार्षद व नेता प्रतिपक्ष से मिन्नतें कर रहे हैं। बार-बार पत्राचार के बावजूद काम नहीं होने से क्षुब्ध होकर नेता प्रतिपक्ष ने 27 जनवरी को निगम कार्यालय के सामने आत्मदाह की चेतावनी (Warn to self immolation) दी है।

नगर पालिक निगम चिरमिरी के वार्ड क्रमांक 1 मालवीय नगर साजापहाड के कई क्षेत्रों लामीगोड़ा, भुरकुंडांड़ व बाजन पथरा में गोंड, पंडो, कोल, हरिजन जनजाति, अनुसूचित जाति के लोग कई वर्षों से निवासरत हैं। ये सभी कृषि और मजदूरी करके अपना जीवन-यापन कर रहे हैं।
इन क्षेत्रों में सडक़, बिजली व पानी की काफी समस्या बनी हुई है। कुछ जगहों पर तो आजादी के बाद से बिजली नहीं लग पाई है। स्थानीय पार्षद एवं नेता प्रतिपक्ष संतोष कुमार सिंह के द्वारा कई बार नगर पालिक निगम चिरमिरी को इन क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर पत्र लिखा गया, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई।
ऐसे में नेता प्रतिपक्ष ने एक ज्ञापन सौंपकर 15 दिनों के अंदर समस्याओं का निदान ना होने पर नगर निगम कार्यालय के समक्ष 27 जनवरी को दोपहर 3 बजे आत्मदाह करने की बात कही है।

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पुलिया बनी लेकिन सडक नहीं
गौरतलब है कि कुछ वर्षों पहले लामीगोड़ा में 3 पुलिया का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन आज तक सडक़ निर्माण नहीं हो सका। आजादी से लेकर आज तक वहां बिजली नहीं पहुंच पाई है, जिससे लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं।
लोग मूलभूत सुविधाओं को लेकर जहां काफी गंभीर हैं वहीं वहीं दूसरी ओर पीने के लिए केवल नाले का पानी एवं चुनिंदा हैडपंप ही बचे हैं। नाले का पानी पीने से लोग बीमार भी हो रहे हैं।
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