scriptबीए के 2 छात्र निकले साइबर क्राइम के मास्टरमाइंड, खेत में बैठकर बनते थे बैंक मैनेजर और…, पुलिस ने ऐसे पकड़ा | Online Crime: Police caught 2 youth who were mastermind of cyber crime | Patrika News

बीए के 2 छात्र निकले साइबर क्राइम के मास्टरमाइंड, खेत में बैठकर बनते थे बैंक मैनेजर और…, पुलिस ने ऐसे पकड़ा

locationकोरीयाPublished: Sep 30, 2019 05:38:38 pm

Online Crime: हर दिन करीब 100 लोगों के पास करते थे कॉल, कई इनके झांसे में आकर गंवा देते थे हजारों-लाखों रुपए, पुलिस को मिली सफलता

बीए के 2 छात्र निकले साइबर क्राइम के मास्टरमाइंड, खेत में बैठकर बनते थे बैंक मैनेजर और..., पुलिस ने ऐसे पकड़ा

Cyber crime mastermind arrested

बैकुंठपुर. बैंक मैनेजर बन एटीएम बंद होने के झांसे में लेकर खाते से रुपए की ऑनलाइन ठगी (Online swindle) करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के 2 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों झारखंड के धनबाद, निरसा के कॉलेज में बीए सेकेंड इयर छात्र हैं।
आरोपियों के पास से नगद सहित बड़ी संख्या में मोबाइल सेट, सिम व आधुनिक उपकरण बरामद किया गया है। दोनों गांव से दूर खेत में लैपटॉप के जरिए ऑनलाइन ठगी (Online crime) करते थे।

एएसपी पंकज शुक्ला ने पुलिस लाइन कांफ्रेंस हाल में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि बैकुंठपुर निवासी अब्दुल अली पिता स्व. अब्बास अली ने 20 अगस्त 2019 शाम करीब 4 बजेे अपने पुत्र असलम अली को पीएनबी के बाजारपारा एटीएम से पैसा निकालने भेजा था।
एटीएम से 5 हजार निकालने बटन दबाया था, लेकिन पैसा नहीं निकला। मामले में प्रार्थी ने 26 अगस्त को बैंक प्रबंधन के पास (Cyber Crime) शिकायत दर्ज कराई थी।

इसमें उसने बताया कि फ्रॉड मोबाइल सिम से किसी अज्ञात व्यक्ति का उनके पास कॉल आया था। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक मैनेजर बताकर ओटीपी नंबर पूछा और 1 लाख 62 हजार 500 रुपए ठगी कर ली। उसने कोतवाली थाना में शिकायत कर कार्रवाई की गुहार लगाई थी।
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मामले में थाना प्रभारी विलियम टोप्पो के नेतृत्व में विशेष टीम गठित कर मोबाइल लोकेशन के आधार पर झारखंड धनबाद के निरसा थाना क्षेत्र भेजा गया था। धनबाद पुलिस की मदद से करीब एक सप्ताह तक कैंप लगाकर ठग गिरोह का पता लगाया गया। इस दौरान ऑनलाइन ठगी करने वाले आरोपी लैपटॉप सहित अन्य आधुनिक उपकरण लेकर गांव से दूर खेत में बैठकर अगले ग्राहक को ठगने का प्रयास कर रहे थे।
मामले में पुलिस टीम ने तुरंत 2 आरोपी को दबोच लिया। पूछताछ में दोनों ने ठगी करना स्वीकार कर लिया। आरोपियों के पास से 1 लाख 50 हजार रुपए बरामद किया गया है। कार्रवाई में एएसआई अमर जायसवाल, सत्येंद्र सिंह, रामायण सिंह, अभिषेक द्विवेदी, साइबर एक्सपर्ट पुष्कल सिंह, प्रिंस राय, अरविंद कौल व सजल जायसवाल शामिल थे।

ये हैं ऑनलाइन ठगी करने वाले आरोपी
-अभिजीत रविदास पिता विनोद रविदास (22), ग्राम पिठाकियारी थाना निरसा जिला धनबाद झारखंड।
– सूरज कुमार दास पिता सपन (20) ग्राम बेनागोडिय़ा थाना निरसा जिला धनबाद झारखंड।

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आरोपियों से इतना सामान बरामद
– 39500 रुपए नकद।
-मोबाइल हैण्डसेट 14 नग।
– लैपटॉप 1 नग।
-डीएसएलआर कैमरा 1 नग।
-पेटीएम कार्ड 1 नग।
-एटीएम कार्ड 3 नग।
-मोबाइल सिम कार्ड 20 नग।

1 करोड़ से अधिक का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, खातेदार को 20 फीसदी देते थे कमीशन
एएसपी शुक्ला ने कहा कि आरोपीगण करीब एक-डेढ़ साल से ऑनलाइन ठगी करने का कारोबार कर रहे थे। इस दौरान कई फर्जी बैंक खाता खुलवाया गया था, सही खाताधारक को 20 फीसदी कमीशन देते थे।
आरोपीगण हर दिन रैंडम मोबाइल नंबर लेकर कॉल करते थे और बैंक मैनेजर बनकर एटीएम बंद होने का झांसा देकर ओटीपी नंबर (Cyber crime) पूछते थे। ओटीपी मिलते ही एक युवक बात करता रहता था तथा दूसरा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर लेता था।

खेत में बैठकर करते थे ऑनलाइन ठगी
एएसपी शुक्ला ने कहा कि दोनों आरोपियों ने बीए सेकेंड इयर तक ही पढ़ाई की है। लेकिन साइबर अपराध में एक्सपर्ट हैं। लैपटॉप सहित अन्य आधुनिक उपकरण लेकर गांव से दूर खेत में बैठकर ऑनलाइन ठगी करते थे। इस दौरान एक हैडफोन को दो-दो आरोपी लगाकर रखते थे, एक ग्राहक से बात करता था और दूसरा ऑनलाइन राशि ट्रांजेक्शन करता था। जिससे ग्राहक के फोन रखते ही तुरंत खाते से राशि निकलने का मैसेज आता है।

किसी को न बताएं ओटीपी नंबर
एएसपी पंकज शुक्ला ने लोगों से कहा है कि ऑनलाइन ठगी (Online swindle) से बचने के लिए सतर्कता जरूरी है। मोबाइल नंबर से किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना ओपीटी नंबर या गुप्त नंबर नहीं न बताएं। उन्होंने बताया कि धनबाद निरसा क्षेत्र ऑनलाइन ठगी करने का गढ़ और एक अवैध उद्योग बन चुका है।

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