Exclusive news: तहसील कार्यालय बैकुंठपुर से 9 अगस्त को इश्तहार प्रकाशित, फिर अगले ही दिन 10 अगस्त को दावा-आपत्ति मांगी, स्ट्रीट वेंडर व सब्जी बाजार के नाम पर जमीन आवंटित करने की है तैयारी
Union home ministry land
बैकुंठपुर. कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में गृह मंत्रालय भारत सरकार (कारागृह) को आवंटित 3.9050 हेक्टेयर जमीन को छीन कर स्ट्रीट वेंडर व सब्जी बाजार के नाम पर आवंटित करने की तैयारी है। तहसील कार्यालय से इश्तेहार प्रकाशित कराने के बाद 10 अगस्त तक दावा आपत्ति मांगी गई है। मामले में जिला जेल प्रशासन को जमीन हस्तांतरण के संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। (Exclusive news)
तहसील कार्यालय बैकुंठपुर से इश्तहार जारी कर 9 अगस्त 20 को प्रकाशन कराने के बाद अगले दिन 10 अगसत 2020 को जमीन के संबंध में दावा आपत्ति मांगी गई है। इसमें उल्लेख है नगर पालिका परिषद् बैकुंठपुर द्वारा तहसील बैकुंठपुर पटवारी हल्का नंबर 05 तहसील बैकुंठपुर में शासकीय भूमि खसरा 289, रकबा 3.9050 हेक्टेयर जमीन का चयन कर स्ट्रीट वेंडर व सब्जी बाजार के लिए आवंटित करने मांग रखी थी।
यह जमीन राजस्व अभिलेख में निजी भू-स्वामी मद के रूप में दर्ज है। मामले में चिह्नित जमीन को आवंटित करने प्रस्तावित किया गया है। चिह्नित जमीन के संबंध में कोई आपत्ति होने पर 10 अगस्त 2020 तक कार्यालयीन समय में दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। निर्धारित तिथि के बाद दावा-आपत्ति पर कोई विचार विमर्श नहीं किया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर तहसील कार्यालय व नगर पालिका बैकुंठपुर द्वारा चिह्नित यह जमीन गृह मंत्रालय भारत सरकार (Union Home Ministry) (कारागृह) के नाम से आवंटित है। हालांकि जेल प्रशासन की गाइड लाइन के हिसाब से कारागृह के नाम से आवंटित जमीन को स्थानीय प्रशासन किसी अन्य को आंवटित नहीं कर सकता है।
गृह मंत्रालय से एनओसी मिलने के बाद ही हस्तांतरण की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है। फिलहाल वेंडर स्ट्रीट व सब्जी बाजार के लिए आवंटित होने के बाद गृह मंत्रालय की 3.9050 हेक्टेयर जमीन छीन जाएगी। गौरतलब है कि जिला जेल (कारागृह) की स्थापना करने जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के बीच में अलग-अलग स्थल पर करीब ३५.६८ एकड़ जमीन का आवंटन किया था।
जेल की 4.68 एकड़ जमीन गायब, अब 3.9050 हेक्टेयर पर नजर! जानकारी के अनुसार कारागृह के नाम पर 3.65 एकड़ क्षेत्रफल में निर्मित जेल तालाब के पास 3.9050 हेक्टेयर जमीन आवंटित है। सीमांकन नहीं होने के कारण जेल की जमीन पर अवैध निर्माण करा लिया गया है। इसके अलावा प्रेमाबाग कॉलोनी में दो स्थल पर करीब 4.68 एकड़ आवंटित जमीन गायब हो गई थी।
हालांकि करीब एक साल पहले राजस्व टीम की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाकर करीब आधाएकड़ जमीन का सुरक्षा घेरा लगवाया गया। लेकिन प्रेमाबाग में दूसरी जगह आवंटित जमीन का पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि जेल प्रशासन के पास गायब जमीन का रिकॉर्ड है, लेकिन जमीन के संबंध में किसी प्रकार कोई जानकारी नहीं है।
वहीं दूसरी ओर चर्चा है कि जेल की आवंटित जमीन स्थल पर सरकारी व प्राइवेट मकान खड़े हो गए हैं और जेल परिसर से लगी बेशकीमती 15.68 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा करने की होड़ लगी है। जेल डीआइजी रायपुर, जिला जेल विजिटर ने वर्ष 2016 में जेल परिसर की जमीन व अन्य स्थान पर आवंटित जमीन की जानकारी मांगी थी।
उस दौरान प्रेमाबाग में आवंटित जमीन गायब होने और जेल बगीचे के लिए आंवटित अधिकांश जमीन पर अवैध कब्जा होने का खुलासा हुआ था। मामले में जेल प्रशासन की ओर से राजस्व को कारागृह के नाम से आवंटित जमीन का सीमांकन कराने कई बार पत्र लिखा गया है।
जमीन हस्तांतरण के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं मुझे जिला जेल की आवंटित जमीन को किसी अन्य को हस्तांतरित करने की कोई जानकारी नहीं है। मामले में सोमवार को तहसील कार्यालय से जानकारी ली जाएगी। एस. प्रधान, प्रभारी अधीक्षक, जिला जेल बैकुंठपुर