लापरवाही के कारण राज्य सरकार को 1 करोड़ का आर्थिक नुकसान पहुंचा है। जबकि नियम के तहत जमीन क्षतिपूर्ति के रूप में सिर्फ 39 लाख भुगतान होना था। मामले में प्रथम अतिरिक्त जिला न्यायाधीश मनेंद्रगढ़ मानवेंद्र सिंह की अदालत ने लोक निर्माण विभाग के भारतीय स्टेट बैंक खाते को सीज कर दिया है। वहीं मंगलवार को बैंक प्रबंधन को पत्र लिखकर खाते की संग्रह राशि की जानकारी भी मांगी गई।
कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ स्थित खेडिय़ा टॉकीज के पास रेलवे ओवरब्रिज निर्माण के लिए स्थानीय अधिवक्ता रमेश चंद्र सिंह की खसरा क्रमांक 341/1 में से 0.154 हेक्टेयर जमीन लोक निर्माण विभाग ने अधिग्रहित की थी। मामले में 12 अप्रैल 2005 को अपर जिला न्यायाधीश ने मुआवजा देने का फैसला सुनाया था।
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फैसले में 38 लाख 78 हजार की क्षतिपूर्ति राशि जमा करने का आदेश लोक निर्माण विभाग को दिया गया था। लेकिन लोक निर्माण विभाग ने क्षतिपूर्ति देने के बजाय अपर जिला न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी।
प्रकरण में भूमि मालिक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 1 जुलाई 2019 को निर्णय पारित किया। जमीन के एवज में 50 रुपए प्रति वर्ग फीट की दर से ब्याज सहित क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया था। मामले में न्यायालय ने कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग के एसबीआई खाते को सीज कर भुगतान पर रोक लगा दिया है।
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लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारों की उमड़ी भीड़जिले के कई क्षेत्रों में इन दिनों लगातार सिविल निर्माण कार्य चल रहा है। भुगतान को लेकर कई बिल कार्यालय में लगे हैं। त्योहारी सीजन को देखते हुए
लोक निर्माण विभाग कार्यालय के आसपास ठेकेदारों का जमावड़ा लगा रहता है। वहीं लोक निर्माण विभाग के खाते की जानकारी लेकर आगामी कार्यवाही को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।