गौरतलब है कि कृषि विभाग जब खाद-बीज दुकान में छापा मारने पहुंची तो फुटकर व्यापार संघ के संतोष अग्रवाल द्वारा चेंबर ऑफ कॉमर्स को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और विभाग के अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा हाल-बेहाल व्यापारियों का हुआ है और अभी लॉकडाउन खुले कुछ दिन हुए हैं।
जिले के अधिकारियों द्वारा जबरन दस्तावेजी कमियों का हवाला देकर व्यवसायियों को परेशान किया जा रहा है। मामले में चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज जैन ने कृषि अधिकारी डी. सोनी से दूरभाष में व्यवसायियों के दस्तावेज के कमियों के संबंध में जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि कई कमियों को लेकर शहर के व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है, उन्हें सुधारने का मौका दिया जाए। हालांकि मौके पर व्यवसाई के दस्तावेज में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं पाई गई।
गौरतलब है कि पिछले 2 माह से लॉक डाउन की वजह से कई व्यवसायियों ने दस्तावेज की पुन: अनुमोदन के लिए विभाग में आवेदन किया है। उन्होंने व्यवसायियों के साथ हुए व्यवधान को बर्दाश्त न करने की बात कही।
नहीं चलेगी परेशान करने वाली प्रणाली
चेंबर के प्रदेश महामंत्री संजीव ताम्रकार ने विभाग के अधिकारी की जमकर खबर ली। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से परेशान करने वाली प्रणाली जिले में नहीं चलेगी। मौके पर चेंबर के पूर्व प्रदेश मंत्री राकेश अग्रवाल व मनीष अग्रवाल ने भी तर्क-वितर्क किया।
उन्होंने कहा कि इन दिनों लॉकडाउन के बाद से व्यापारी वैसे ही हाल-बेहाल है और उन्हें व्यवसाय करने में कई विभाग के अधिकारी परेशान कर रहे हैं। उन्होंने चेंबर को जिले के सभी व्यापारियों (Businessman) के साथ खड़े होने की बात कही।
दस्तावेज पूर्ण करने की दी गई समझाइश
इधर कृषि अधिकारियों द्वारा चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी के समक्ष व्यापारियों को अपने समस्त दस्तावेज समय पर पूर्ण करने की समझाइश दी गई। इस पर चेंबर ने व्यापारियों को अपने दस्तावेज समय पर पूर्ण करने की जानकारी दी। इस दौरान चेंबर के विनय अग्रवाल, योगेश ताम्रकार सहित अन्य मौजूद थे।