scriptगुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में मिला दुर्लभ अमेरिकी कीटभक्षी पौधा, देखकर अधिकारी भी हैरान | Rare plant: American rare plant found in Guru Ghasidas park | Patrika News

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में मिला दुर्लभ अमेरिकी कीटभक्षी पौधा, देखकर अधिकारी भी हैरान

locationकोरीयाPublished: Dec 03, 2022 07:41:45 pm

Rare plant: अमेरिकी कीटभक्षी पौधे के पास से जब कोई चींटी व कीड़े-मकोड़े गुजरते हैं तो हेयर ट्रिगर उन्हें देते हैं सिग्नल, पचाने में लग जाते हैं 8 से 10 दिन, सिर्फ बारिश के मौसम में ही मिलते हैं ये पौधे

Rare american plant

Rare plant Vinus flytrap

बैकुंठपुर. Rare plant: गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में पहली बार अमेरिका में पाए जाने वाले दुर्लभ कीटभक्षी पौधे मिले हैं। इसका बॉटनिकल नेम वीनस फ्लाईट्रैप है। जो चींटी, मकड़ी सहित छोटे कीड़े-मकोड़ों को अपनी पत्ती में जकडक़र चूस लेता है। हालांकि ये कीटभक्षी पौधे सिर्फ बारिश के मौसम में पाए जाते हैं। बारिश खत्म होते ही पौधे स्वत: मर जाते हैं।

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में कीटभक्षी पौधे मिलने पर यहां के अधिकारी भी आश्चर्यचकित हो गए हैं। मांसाहारी होने के साथ परभक्षी भी है। पौधे का आकार काफी छोटा है और पौधा चींटी सहित छोटे कीड़ों को चूसकर जीवित रहता है। यह पौधा आद्र्रता की अधिकता वाले स्थान पर पाया जाता है।
पौधे का वानस्पतिक नाम डायोनिया मसिपुला है। यह पौधा मांसाहारी है। छोटे कीड़ों को ये पकड़ कर अवशोषित कर लेता है। यह पौधा मुख्य रूप से अमरिका के कैरोलिना क्षेत्र में पाया जाता है। हालांकि पहली बार बहुतायत में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में पाए गए हैं।
इसके पत्तों के आगे रेशे होते है, जिसे ट्रिगर हेयर या संवेदनशील बाल कहा जाता है। यह पौधे के लिए सिग्नल की तरह काम करता है और जैसे ही कोई कीड़ा या चींटी उसकी ओर आता है, रेसे खड़े हो जाते हैं। इसके बाद कीटभक्षी पौधा अपनी पत्ती, जो दो भागों में बंटे होते हैं, उसे दरवाजे की तरह बंद कर देता है।
जब कीड़े को पौधा पूरी तरह से अवशोषित कर लेता है, फिर पत्ती खुल जाती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि कीटभक्षी पौधे को कीड़े-मकोड़े का पाचन करने में करीब 10 दिन का समय लगता है।

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महज 20-30 सेमी लंबा तना और 8-15 सेमी होती हैंं पत्तियां
जानकारी के अनुसार कीटभक्षी पौधे का तना महज 20-30 सेंटीमीटर लंबा तथा पत्तियां 8-15 सेंटीमीटर लंबी होती हैं। पौधा जब शिकार करने के लिए उत्तेजित होती हैं तो महज आधे सेकंड में पत्तियां बंद हो जाती है।
पत्ती की सतह पर गं्रथियां लाल रंग का रस स्रावित करती हैं और कीट के शरीर को पचा लेता है। पत्तियां लाल फूल जैसी नजर आती हैं और पत्तियों की जालीनुमा तीन या चार कीड़े को पकडऩे के बाद मर जाता है।

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6 से 35 डिग्री वाले स्थान पर पाए जाते हैं
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के अनुसार वीनस फ्लाईट्रैप नमी और आद्र्रता वाले स्थान पर पाए जाते हैं। जहां न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकमत 35 डिग्री तक रहता है।
हालाकि उद्यान एरिया में कई जगह पाए जाने की संभावना है, लेकिन अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाएगा। कीटभक्षी पौधे के बीज का आकार सरसों के दाने से भी छोटा होता है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी पक्षी के बीट से पौधा उगा होगा।

बारिश के सीजन में ही दिखाई देते हैं ये पौधे
नेशनल पार्क के जंगलों में कीटभक्षी पौधे वीनस फ्लाईट्रैप पाए गए हैं। यह पौधा सिर्फ बारिश में दिखाई देते हैं। उसके बाद स्वत: मर जाते हैं। आने वाले बारिश में मॉनिटरिंग कर स्थल चिह्नित कराई जाएगी।
आर. रामाकृष्णा वाय, डायरेक्टर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया

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