बंसत झरिया भी सूखने के कगार पर
सोनहत ग्राम पंचायत अंर्तगत स्थित बंसत झरिया तालाब में भी जल स्तर तीव्र गति से घट रहा है, वर्तमान में काफी कम पानी ही शेष बचा है जिससे आस पास के किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोनहत क्षेत्र के ग्रामीणों ने बसंत झरिया का गहरीकरण एवं घाट निर्माण कराए जाने की मांग स्थानीय प्रशासन से की है।
सुधार कार्य किसी काम के नहीं
उक्त जलाशय में 2016 में ही 9 लाख 23 हजार की लागत से बांध व नहर की पिचिंग एवं सुधार कार्य महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत कराया जाना बताया जा रहा है, लेकिन इस राशि का उपयोग कहां किया गया, समझ से परे ही नजर आ रहा है। जलाशय के नहर की लंबाई लगभग 3 किमी है, जो कचरे से जाम है। वर्तमान में स्थिति यह है की खुटरापारा मुख्य सड़क पर बनी पुलिया के दूसरी छोर पर बिल्कुल भी पानी नहीं जा पा रहा है जिससे बांध के कुल सिंचाई क्षेत्र के लगभग 30 से 40 फीसदी क्षेत्र में ही पानी जा सकता है, लेकिन उसमें भी किसानों को पानी नही मिल पा रहा है।
10 लाख के पोखर निर्माण में भी पानी नहीं
पानी के लगातार लिकेज से डउकाबुड़ा बांध अब लगभग सूख चुका है, आस पास के किसानों एवं ग्राम जनों ने जल्द बांध एवं नहर का मरम्मत कराए जाने की मांग की है। वही डउकाबुड़ा जलाशय के अंदर ही मत्स्य बीज संवर्धन हेतु पोखर निर्माण किया गया गया है, लेकिन इस पोखर में भी पानी नही होने के कारण अभी तक कितना मत्स्य संवर्धन हुआ यह कह पाना मुश्किल है । वहीं लोगों ने उक्त कार्य को औचित्य विहीन बताते हुए कहा की इसे बनाने से अच्छा जलाशय के गेट को बदल कर उका गहरीकरण कार्य कराना चाहिए था यदि ऐसा हुआ होता ग्रामीण किसानों को इसका सीधा लाभ मिला होता ।