कोरिया जिले के ग्राम पंचायत जिल्दा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता रामप्रताप साहू ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत 31 अगस्त 2015 को जन सूचना अधिकारी को आवेदन दिया था। इसमें एसडीएम खडग़वां द्वारा वर्ष 2010 से 30 जुलाई 2015 तक जारी कलार (जायसवाल) जाति की जाति प्रमाण-पत्र का प्रकरण व दर्ज पंजी की जानकारी मांगी थी।
मामले में 28 नवंबर 2015 को 360 पेज की जानकारी के लिए 1440 रुपए जमा कराने कहा गया था। अपीलार्थी ने 6 नवंबर 2015 को फीस भुगतान कर दिया था। इसके बावजूद जानकारी नहीं मिलने पर 6 जनवरी 2016 को अपर कलक्टर बैकुंठपुर कार्यालय में प्रथम अपील प्रस्तुत की। फिर भी उसे किसी प्रकार की जानकारी मिली।
इसके बाद अपीलार्थी ने 10 मई 2016 को राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया और जनसूचना अधिकारी के खिलाफ सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 20(1) एवं 20(2) के तहत कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी।
राज्य सूचना आयोग ने मामले की सुनवाई कर एसडीएम खडग़वां को 30 दिन के भीतर रजिस्टर्ड पत्र से नि:शुल्क जानकारी उपलब्ध कराने, 1440 रुपए फीस लौटाने और अपीलार्थी को 500 रुपए क्षतिपूर्ति भुगतान करने का आदेश दिया है।
वहीं सूचना आयोग ने पूछा है कि निर्धारित तिथि की पेशी में हाजिर नहीं होने पर एसडीएम के खिलाफ 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाए।
सूचना आयोग ने 2 माह के भीतर जवाब मांगा
राज्य सूचना आयोग ने मामले की सुनवाई कर कहा है कि 26 नवंबर 2015 से आज तक पदस्थ जनसूचना अधिकारी एसडीएम 60 दिन के भीतर रजिस्टर्ड पत्र के माध्यम से जवाब प्रस्तुत करें।
सूचना आयोग ने 2 माह के भीतर जवाब मांगा
राज्य सूचना आयोग ने मामले की सुनवाई कर कहा है कि 26 नवंबर 2015 से आज तक पदस्थ जनसूचना अधिकारी एसडीएम 60 दिन के भीतर रजिस्टर्ड पत्र के माध्यम से जवाब प्रस्तुत करें।
इसमें अपीलार्थी को शुल्क भुगतान करने के बाद जानकारी नहीं मिलने, आयोग में कोई जवाब प्रस्तुत नहीं करने और आयोग की पेशी 15 जून 2016 से बगैर सूचना अनुपस्थित रहने का स्पष्ट कारण होना चाहिए। मामले में परीक्षण के लिए 10 अक्टूबर को समय निर्धारित किया गया है।