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गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में दूसरी बार होगी ट्रैकिंग, देश-विदेश से आएंगीं 100 ट्रैकरों की टीम

locationकोरीयाPublished: Jan 22, 2022 05:33:50 pm

Tracking: पिछली बार छत्तीसगढ़ सहित सात राज्यों के 19 ट्रैकर 35 किलोमीटर टै्रकिंग (Tracking|) कर उठाया था आनंद, राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन (National park administration) तैयारी में जुटा, ट्रैकिंग टीम को गाइड करने स्थानीय युवकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

Tracking

Trackers team

Yogesh Chandra.
बैकुंठपुर. Tracking:
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को लुभाने के लिए जंगल ट्रैकिंग कार्यक्रम कराने की तैयारी शुरु हो गई है। इसके लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि ट्रैकरों को कोई परेशानी न हो। इस बार देश-विदेश से करीब 100 ट्रैकर की अलग-अलग टीम फरवरी-मार्च (February-March) महीने में यहां पहुंचेगी। पिछली बार 7 राज्यों के 19 ट्रैकर शामिल हुए थे। उन्होंने करीब 35 किमी तक राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण कर लुत्फ उठाया था। यहां के बालमगढ़ी पहाड़ स्थित सन प्वाइंट (Sun point) से सबका मन मोह लिया था।

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटन को बढ़ावा देने कवायद शुरू कर दी गई है। सैलानियों को गाइड करने स्थानीय युवकों को विशेष प्रशिक्षण देने की तैयारी है। युवकों को रोजगार के नए साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। राष्ट्रीय उद्यान में तीन साल बाद दूसरी बार ट्रैकिंग टीम आएगी। फिलहाल तिथि निर्धारित नहीं है। लेकिन फरवरी-मार्च महीने में ट्रैकिंग कराने की तैयारी है। कोरोना संक्रमण के कारण दो साल से ट्रैकिंग कार्यक्रम नहीं कराए गए थे।
राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन के तत्वावधान वर्ष 2019 में पहली बार गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में चार दिवसीय ट्रैकिंग कैंप लगाया गया था। पहली टीम में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सहित सात राज्यों के 11 ट्रैकर शामिल थे। जिन्हें ग्राम झापर बीजाधुर नदी स्थान, गिधेर में कलश पहाड़, तुर्रीपानी ग्राम से टेडिय़ा बांध तक 35 किलोमीटर ट्रैक तैयार कर भ्रमण कराया गया था।
इस दौरान 2 रात जंगल में टेंट लगाकर और एक रात ग्राम तुर्रीपानी में ग्रामीणों के सहयोग से ठहराया गया था। ट्रैकिंग टीम ने दावा किया था कि देश के कोने-कोने में टै्रकिंग किए, लेकिन राष्ट्रीय उद्यान में पार्क जैसा आनंद कहीं नहीं मिला। उद्यान के जंगल पहाड़, नदियां, वन्यजीव प्राणी सहित प्राकृतिक सुंदरता बहुत ही रोचक हैं।

बालमगढ़ी पहाड़ स्थित सन प्वाइंट ने मोह लिया था मन
भारत की सबसे बड़ी ट्रैकिंग कंपनी बैंगलौर के सहयोग से विदेशी ट्रैकर सहित 8 सदस्यीय टीम गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में ट्रैकिंग करने पहुंची थी। हिमालय में टै्रकिंग कराने वाली बड़ी कंपनी इंडियन हैक्स बैंग्लौर के नेतृत्व में पहली बार विदेशी ट्रैकर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में टै्रकिंग करने पहुंचे थे।

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जिसमें झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, कोलकाता, आंध्रप्रदेश सहित यूके लंदन से विदेशी ट्रैकर क्लाडियो शामिल थे। ट्रैकिंग टीम को दो रात तुर्रीपानी व गिधेर के गांव में ठहराया गया था। ग्राम झापर में पहुंचकर 35 किलोमीटर के जंगल ट्रैकिंग का समापन हुआ था। ट्रैकिंग टीम का यह भारत में दूसरी ट्रैकिंग है।
उनका दावा था कि इतना सुंदर व घनघोर जंगल पहली बार देखा। इससे पहले कभी सुंदर जंगल नहीं देखा था। वहीं ट्रैकिंग टीम सोनहत क्षेत्र के बालमगढ़ी पहाड़ पर पहुंची थी। इस स्थल को सन प्वाइंट के नाम भी जाना जाता है। टीम ने शाम करीब 5-6 बजे तक डूबते सूर्य का मनमोहक नजारा देख आसपास के प्राकृतिक नजारे को अपने कैमरे में कैद किया था।

लाई जाएगी 100 ट्रैकरों की टीम
राष्ट्रीय उद्यान में ट्रैकिंग करने करीब 100 ट्रैकर आएंगे। पहली बार वर्ष 2019 में ट्रैकिंग कार्यक्रम हुआ था। वहीं दूसरी बार उद्यान क्षेत्र में ट्रैकिंग कराई जाएगी। जिसमें अलग-अलग टीम में कई जगह के ट्रैकर आएंगे।
आर रामाकृष्णा वाई, डायरेक्टर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया
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