सात साल पहले यूआईटी की योजना में लौटरी
निकली, न मकान मिला न ही राशि
विद्यार्थी गौरव मीणा, अभिषेक नागर व आशीष मीणा ने बताया कि आईटीआई कॉलेज का दस जनवरी को डीजीटी नई दिल्ली की ओर से जारी परिणाम में इलेक्ट्रिशियन, आरएसी सहित अन्य ट्रेडों में करीब 100 बच्चों के शून्य नम्बर आए। सभी विद्यार्थियों ने इस बारे में प्राचार्य को 14 दिन पहले लिखित में शिकायत दी थी। दोबारा जारी किए परिणाम में भी विद्यार्थियों को फेल दिखाया तो विद्यार्थी कॉलेज का मुख्य द्वार बंद कर धरने पर बैठे गए। इस दौरान अन्य छात्रों को भी कक्षाओं में नहीं जाने दिया गया। विद्यार्थियों का कहना था कि जब तक सही रिजल्ट नहीं आता, प्रदर्शन जारी रहेगा।
निकली, न मकान मिला न ही राशि
विद्यार्थी गौरव मीणा, अभिषेक नागर व आशीष मीणा ने बताया कि आईटीआई कॉलेज का दस जनवरी को डीजीटी नई दिल्ली की ओर से जारी परिणाम में इलेक्ट्रिशियन, आरएसी सहित अन्य ट्रेडों में करीब 100 बच्चों के शून्य नम्बर आए। सभी विद्यार्थियों ने इस बारे में प्राचार्य को 14 दिन पहले लिखित में शिकायत दी थी। दोबारा जारी किए परिणाम में भी विद्यार्थियों को फेल दिखाया तो विद्यार्थी कॉलेज का मुख्य द्वार बंद कर धरने पर बैठे गए। इस दौरान अन्य छात्रों को भी कक्षाओं में नहीं जाने दिया गया। विद्यार्थियों का कहना था कि जब तक सही रिजल्ट नहीं आता, प्रदर्शन जारी रहेगा।
कोडिंग गलत भरने से हुए विद्यार्थी फेल
प्राचार्य राजेश गुप्ता ने बताया कि पिछले साल से वार्षिक पद्धति चालू हुई, तब से परीक्षा परिणाम सही नहीं आ रहे। परीक्षा के पेपर नई दिल्ली डीजीटी से आते हैं और चेक भी वहीं होते हैं। ओएमआर शीट स्कैनर में चेक होती है, लेकिन जिन बच्चों ने गलत कोडिंग कर रखी थी ओएमआर शीट स्कैन नहीं हो पाई। इस कारण दोबारा जारी परिणाम में भी बच्चे फे ल घोषित हुए। उन्होंने बताया कि गलत कोडिंग से परेशानी सभी आईटीआई कॉलेजों में सामने आई है। यहां कॉलेज में 509 विद्यार्थी हैं, इनमें से केवल 70 बच्चे गलत कोडिंग की वजह से फेल हुए हैं।
प्राचार्य राजेश गुप्ता ने बताया कि पिछले साल से वार्षिक पद्धति चालू हुई, तब से परीक्षा परिणाम सही नहीं आ रहे। परीक्षा के पेपर नई दिल्ली डीजीटी से आते हैं और चेक भी वहीं होते हैं। ओएमआर शीट स्कैनर में चेक होती है, लेकिन जिन बच्चों ने गलत कोडिंग कर रखी थी ओएमआर शीट स्कैन नहीं हो पाई। इस कारण दोबारा जारी परिणाम में भी बच्चे फे ल घोषित हुए। उन्होंने बताया कि गलत कोडिंग से परेशानी सभी आईटीआई कॉलेजों में सामने आई है। यहां कॉलेज में 509 विद्यार्थी हैं, इनमें से केवल 70 बच्चे गलत कोडिंग की वजह से फेल हुए हैं।