विकास गर्ग ने बताया कि दोनों एसीटीओ ने प्रति वर्ष 20 हजार के हिसाब से 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। अधिकारी राशि का तकाजा लेकर दुकान पर भी आए तथा सात दिन तक फोन भी किया। बाद में 20 हजार में बात तय हुई। एएसपी ने बताया कि रिश्वत प्रकरण में एक कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध मिली है, जिसकी जांच की जा रही है।
हाथ नहीं आए फायरिंग के आरोपी कोटा. नयापुरा थाना क्षेत्र में मंगलवार शाम को प्रोपर्टी डीलर पर फायरिंग के आरोपी दूसरे दिन भी पुलिस के हाथ नहीं आए। पुलिस नाकाबंदी करने व चार टीमें गठित कर संभावित ठिकानों पर दबिश देने के बाद किसी आरोपी को नहीं पकड़ सकी। गौरतलब है कि नाग नागिन मंदिर के निकट मंगलवार शाम को दो एसयूवी कारों में आए हमलावरों ने अश्वनी उर्फ गोल्डी पर फायरिंग कर दी थी। घटना के बाद वे उसे मरा हुआ समझकर छोड़ गए। सरेआम फायरिंग से आसपास के दुकानदार और रहवासियों में अब भी दहशत है।
जानलेवा हमले का मामला दर्ज
जानलेवा हमले का मामला दर्ज
पुलिस ने इस मामले में मंगलवार देर रात को असलम उर्फ चिंटू, दानिश, बारां निवासी अनिल शर्मा, अख्तर, जुनैद समेत करीब डेढ़ दर्जन लोगों के खिलाफ जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया। घटना के बाद पुलिस ने हमलावरों को तलाशने के लिए चार टीमों का गठन किया। जो अलग-अलग क्षेत्र में आरोपियों की तलाश के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।