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अस्पताल है या जंजाल : गॉज पेड के पोंछे से हर महीने 30 हजार का फटका

locationकोटाPublished: Jan 10, 2020 06:23:28 pm

Submitted by:

mukesh gour

जेकेलोन अस्पताल : वार्डों व आउटडोर में 2 साल से नहीं हुई धुलाई, तीन पारी में सफाई की जगह केवल सुबह के समय ही होती है सफाई

अस्पताल है या जंजाल : गॉज पेड के पोंछे से हर महीने 30 हजार का फटका

अस्पताल है या जंजाल : गॉज पेड के पोंछे से हर महीने 30 हजार का फटका

कोटा. जेकेलोन अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम नवजात शिशुओं की मौत तक ही सिमटा हुआ नहीं है। पूरे अस्पताल की व्यवस्थाओं में ही ढेरों झोल हैं। हद तो तब हो गई जब अस्पताल की सफाई भी ऑपरेशन के दौरान गॉज पेड बनाने वाले कपड़े के बंडलों से की जा रही है। इस व्यवस्था को देखकर लग रहा है कि अस्पताल प्रशासन ठेकेदार फर्म किस तरीके से फायदा पहुंचा रहा है। सरकारी रुपयों को किस तरह बर्बाद किया जा रहा है। रही बात सफाई की…तो अस्पताल में न तो फिनाइल का पोंछा लगता है ना ही वार्डों और आउटडोर की कभी धुलाई की जाती है। इतना ही नहीं तीन पारियों में होने वाली सफाई भी एक ही समय हो रही है। ऐसा हो ही नहीं सकता कि ये गड़बड़झाला अस्पताल प्रशासन से छिपा हो।
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ये है गणित
ऑपरेशन थियेटर में महिलाओं की डिलेवरी के ऑपरेशन के दौरान कपड़े से गॉज पेड बनाए जाते हैं। इन्हें बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले साफ-सुथरे कपडों के बंडल से पोंछा बनाया जा रहा है। एक पोंछा बनाने में कपड़े के तीन बंडल लगते हैं। अस्पताल में सफाई के लिए करीब 20-25 पोंछे हैं। सभी में गॉज पेड बनाने वाले कपड़े ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जबकि ये कपड़े ऑपरेशन के दौरान घाव या चीरा लगाने वाली जगह पर रक्त के रिसाव को रोकने या उसे साफ करने के लिए होते हैं। महीने में दो बार ये पोंछे बनते हैं। गॉज पेड बनाने वाले कपड़े के एक बंडल की कीमत 200 रुपए है। ऐसे में अस्पताल में पोंछा लगाने पर ही तकरीबन 30 हजार रुपए प्रतिमाह खर्च हो रहे हैं। यह राशि सफाईकर्मियों के वेतन और अन्य व्यवस्थाओं के अतिरिक्त है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठेकेदार अस्पताल प्रशासन को हजारों रुपए का चूना लगा रहा है।
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गॉज पेड के कपड़े से पोंछा लगाया जा रहा है तो यह गलत है। इसे दिखवाकर कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल में आजकल फिनाइल की जगह दूसरी दवा आ गई है। आज ही इसका छिड़काव करवाया था।
डॉ. एससी दुलारा, अधीक्षक, जेकेलोन अस्पताल
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