कोटा

कुराड़ सहकारी अफसर ने पहले 34.63 लाख का घोटाला किया, फिर छिपाने के लिए तैयार करवाई फर्जी ऑडिट, मामला दर्ज

Kota News, Kota Hindi News, Kota Crime News: कोटा की ग्राम सेवा सहकारी समिति कुराड़ के पूर्व व्यवस्थापक के खिलाफ देवलीमांजी थाने में 34 लाख 63 हजार 732 रुपए के गबन का मामला दर्ज हुआ है।

कोटाJul 11, 2019 / 11:54 am

​Zuber Khan

कुराड़ सहकारी अफसर ने पहले 34.63 लाख का घोटाला किया, फिर छिपाने के लिए तैयार करवाई फर्जी ऑडिट, मामला दर्ज

कोटा. मोईकलां. जिले की सांगोद क्षेत्र की ग्राम सेवा सहकारी समिति ( Village Co-operative Society ) कुराड़ के पूर्व व्यवस्थापक के खिलाफ देवलीमांजी थाने में 34 लाख 63 हजार 732 रुपए के गबन का मामला दर्ज कराया गया है। ( embezzlement case registered ) पुलिस ( police ) ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। कुराड़ ग्राम सेवा सहकारी समिति ( kurad Village Co-operative Society ) में सीए और तत्कालीन व्यवस्थापक ने फर्जी ऑडिट तैयार की थी, ( fake audit report ) इस मामले को पिछले दिनों राजस्थान पत्रिका ( Rajasthan Patrika ) उजागर किया था। घोटालों को दबाने के लिए ऑडिट रिपोर्ट ही फर्जी तैयार कर दी थी। सहकारिता विभाग ( cooperative department ) की जांच में तत्कालीन व्यवस्थापक और सीए फर्म को दोषी माना था।
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देवलीमांजी थाना प्रभारी राजेन्द्र मीणा ने बताया कि कुराड़ ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष छीतरलाल किराड़ की ओर से लिखित शिकायत दी गई है कि वर्ष 2014-15 में तत्कालीन व्यवस्थापक सीताराम शर्मा के कार्यकाल में यह गबन हुआ। उस समय ऑडिट में गबन का मामला पकड़ में नहीं आ सका था। कुछ दिन पूर्व फि र से सहकारी की वर्ष 2014-15 की ऑडिट की गई। इसमें यह मामला सामने आया कि तत्कालीन व्यवस्थापक सीताराम शर्मा ने पद का दुरुपयोग करते हुए 34 लाख 63 हजार 732 रुपए का गबन किया है। सहकारी अध्यक्ष छीतरलाल की रिपोर्ट पर पुलिस ने सीताराम शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 409 में मामला दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि सीए की भूमिका भी संदिग्ध मानी है। इसकी जांच की जा रही है।

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रिपोर्ट के लिए टरकाते रहे थाना प्रभारी
सूत्रों का कहना है कि घोटाले की रिपोर्ट दर्ज करने में थाना प्रभारी मीणा दिनभर आनाकानी करते रहे। उपाधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को भी थाना प्रभारी की रिपोर्ट दर्ज नहीं करने की शिकायत की। बाद में मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाने पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

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