सहायक निदेशक अभियोजन अशोक कुमार जोशी ने बताया कि परिवादी प्रकाश सिंह की स्टेशन माला रोड पर प्रकाश बैंड के नाम से दुकान है। कांति बाई राव ने दुर्गा लाल के खिलाफ पैसा खाने तथा इस मामले में प्रकाश को भी बीच में डालते हुए उसकी शिकायत भीमगंजमंडी थाने में की थी। एएसआई भंवर सिंह ने परिवादी प्रकाश को 11 फरवरी 2009 को थाने बुलाया तथा उसे बंद करने की धमकी दी और मामले को रफा-दफा करने के लिए 5 हजार रुपए रिश्वत मांगी। उससे कहा कि 5 हजार रुपए दे तो मामले से हटा दूंगा। एसीबी ने 13 फरवरी 2009 को आरोपी एएसआई भंवरसिंह को परिवादी प्रकाश सिंह की माला रोड स्थित बैंड की दुकान के सामने से 5 हजार रुपए रिश्वत प्राप्त करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। एसीबी द्वारा न्यायालय में आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया था।
वर्दी को किया दागदार न्यायालन ने अपने मत में कहा कि परिवादी के खिलाफ पुलिस थाना भीमगंजमंडी में प्रस्तुत परिवाद पर आरोपी भंवर सिंह द्वारा लोक कर्तव्यों के निर्वहन में सक्षम प्राधिकारी के समक्ष निष्पक्ष रूप से जांच कर भिजवाने की विधिक व प्रशासनिक जिम्मेदारी थी, लेकिन आरोपी द्वारा लोक कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती गई। उक्त आपराधिक प्रकरण में नाजायज रूप से परिवादी से रिश्वत की मांग करते हुए 5 हजार रुपए रिश्वत लेकर पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा को धूमिल कर वर्दी को दागदार किया है।