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उम्मीद : 50 करोड़ के पेयजल प्रस्ताव, हकीकत : कई वंचित क्षेत्रों को चम्बल का पानी पहुंचाना रहेगा मुश्किल

locationकोटाPublished: Jan 17, 2022 11:11:37 pm

Submitted by:

Kanaram Mundiyar

जलदाय विभाग ने तैयार की 25-25 करोड़ की दो योजनाएं, लेकिन बहुमंजिला आवासीय योजनाओं को पर्याप्त पानी देने की स्थिति स्पष्ट नहीं

उम्मीद : 50 करोड़ के पेयजल प्रस्ताव, हकीकत : कई वंचित क्षेत्रों को चम्बल का पानी पहुंचाना रहेगा मुश्किल

उम्मीद : 50 करोड़ के पेयजल प्रस्ताव, हकीकत : कई वंचित क्षेत्रों को चम्बल का पानी पहुंचाना रहेगा मुश्किल

कोटा.

सदानीरा चम्बल के शहर कोटा में चम्बल के पानी से वंचित आवासीय योजनाओं को मीठा पानी पिलाने के लिए जलदाय विभाग ने शहरी जल योजना के अन्तर्गत कुल 50 करोड़ के दो प्रस्ताव तैयार किए हैं। हालांकि इन योजनाओं को अभी सरकार की मुहर लगना शेष है। लेकिन प्रस्तावित योजनाओं के जरिए विभाग की ओर से चम्बल के पानी से वंचित आवासीय योजनाओं में पानी पहुंचाने की तैयारी है।
अफसरों का मानना है कि दोनों योजनाओं के फलीभूत होने के बाद कोटा शहर में कोई भी क्षेत्र चम्बल के पानी से वंचित नहीं रहेगा। लेकिन पेयजल जानकारों एवं स्थानीय नेताओं को विभाग की प्रस्तावित योजनाओं में खानापूर्ति नजर आ रही है। विभाग की योजनाओं में दीर्घकालिन व दूरगामी परिणाम नजर नहीं आ रहे। लोगों का कहना है कि विभाग की योजनाओं के पूरा होने के बाद भी कई क्षेत्रों में पर्याप्त जलापूर्ति संभव नहीं हो पाएगी। मल्टीस्टोरी योजनाओं को भी पूरा पानी नहीं मिलेगा। ऐसे में विभाग की ओर से वंचित योजनाओं में मिश्रित पानी आपूर्ति किया जा सकता है।
फिर भी नहीं मिलेगा चम्बल का पानी
वंचित क्षेत्रों में चम्बल का पानी पहुंचाने के लिए जलदाय विभाग ने 25-25 करोड़ रुपए की दो योजनाएं बनाई हैं। इनमें एक एबीडी क्षेत्र और एक नॉन एबीडी क्षेत्र के लिए बनाई है। इस माह ये प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे गए हैं। विभाग अधिकारी खुद मान रहे हैं कि इन योजनाओं के मूर्त रूप लेने के बाद भी मल्टीस्टोरी में रहने वाले लोगों को चम्बल का पर्याप्त पानी मिलने की संभावना नहीं है। ऐसे में बोरिंग के पानी के साथ कुछ मात्रा में चम्बल का पानीे उपलब्ध कराया जा सकेगा। यानी बोरिंग और चम्बल का मिश्रित पानी मल्टी स्टोरी के लोगों को मिल पाएगा।
30 जनू तक बनेंगे दो फिल्टर प्लांट-
विभाग के अधिशासी अभियंता भारतभूषण मिगलानी ने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत 70 एमएलडी और 50 एमएलडी के फिल्टर प्लांट निर्माणाधीन हैं। इनके 30 जून 2022 तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद जलापूर्ति की क्षमता बढ़ जाएगी। इसके बाद मल्टी स्टोरी में सिंगल पाइंट पाइंट कनेक्शन दिए जा सकेंगे, लेकिन मल्टी स्टोरी में बोरिंग और चम्बल का मिश्रित पानी ही मिल पाएगा।
यह है स्थिति-
-कोटा शहर में जहां तक जलदाय विभाग का वितरण तंत्र है वहीं तक पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा।

-नए विस्तार में जहां तंत्र नहीं है वहां तक जलापूर्ति की अभी कोई योजना नहीं है।
-मल्टीस्टोरी आवासीय योजनाओं में सिंगल पाइंट कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है, लेकिन इसकी कोई ठोस योजना नहीं बनी।
मास्टर प्लान से तालमेल नहीं-
शहर के वर्ष 2031 तक के मास्टर प्लान में यह स्पष्ट है कि आबादी का विस्तार कहां-कहां होगा। इसके बाद भी जलदाय विभाग ने खुद की कोई नई योजना नहीं बनाई है। जो प्लान पाइपलाइन में चल रहे हैं, उनमें भी कोई दूरदर्शी विजन नहीं है।
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