करोड़ों का खेल: हर पल खतरे में कोटा के 12 लाख लोगों की जिंदगी…
मीडिया एडवरटाइजिंग एसोसिएशन कोटा ने दावा किया है कि शहर में कोई भी होर्डिंग्स अवैध नहीं है। साथ ही यह भी कहा है कि उन्होंने होर्डिंग हटाने के लिए समय मांगा है। शहर में अर्से से अवैध होर्डिंग्स लगाने में मोटी कमाई का खेल चल रहा है। निगम के राजस्व अनुभाग के अधिकारियों को भी पता है कि अवैध होर्डिंग्स पर विज्ञापन लगाने के बदले कितनी राशि वसूल की जाती है, लेकिन कार्रवाई नहीं करते और हर बार मामला उठने पर एजेंसी संचालकों को नोटिस देकर इतिश्री कर लेते हैं।राजस्थान में पहली बार कोटा में बना ‘बर्तन बैंक’, जन्म दिन से लेकर भंडारे तक ‘फ्री मिलेंगे 200 बर्तन का सेट’
500 अवैध होर्डिंग्स व यूनिपोल
शहर में कितने अवैध होर्डिंग्स व यूनिपोल लगे हुए हैं, इसका निगम ने अभी तक सर्वे तक नहीं कराया है। निगम 2017 के आंकड़ों पर ही अवैध होर्डिंग्स के आंकड़े सरकार को भेज रहा है। निगम के 2017 के सर्वे के मुताबिक 235 छतों पर अवैध होर्डिंग्स लगाना पाया गया था, जबकि राजस्व समिति सदस्यों का कहना है कि शहर में 500 से अधिक अवैध होर्डिंग्स व यूनिपोल लगे हुए हैं। यह है कमाई का खेल
एजेंसी संचालकों ने अवैध होर्डिंग्स की दरें भी तय कर रखी हैं। अवैध होर्डिंग्स की सबसे मोटी राशि एरोड्राम सर्किल के आस-पास की छतों पर लगे होर्डिंग्स से वसूल की जाती है। यहां 20 गुणा 40 के अवैध होर्डिंग्स पर एक माह के लिए विज्ञापन लगाने पर 70 हजार से एक लाख रुपए की राशि वसूल की जाती है। तलवंडी सॢकल पर 10 गुणा 20 के होर्डिंग्स पर विज्ञापन लगाने के बदले एक माह के 25 से 30 हजार रुपए तथा 20 गुणा 20 की साइज के अवैध होर्डिंग्स के 40 से 60 हजार रुपए वसूल किए जाते हैं। आकाशवाणी कॉलोनी में 20 गुणा 60 के अवैध होर्डिंग्स के 65 से 80 हजार रुपए हर माह के वसूल किए जा रहे हैं। लैण्डमार्क सिटी में अवैध होर्डिंग्स से 50 से 80 हजार रुपए, झालावाड़ रोड सिटी माल के आस-पास निजी भूमि पर लगे अवैध 10 गुणा 16 के यूनिपोल पर विज्ञापन लगाने के लिए 30 से 40 हजार रुपए हर माह के वसूल किए जात हैं। बूंदी तथा बारां आरओबी के आसपास की छतों पर अवैध होर्डिंग्स पर विज्ञापन लगाने की एवज में एक लाख रुपए तक वसूल किए जाते हैं।
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कार्रवाई करने के बजाए बचने की गली बता रहेमोटी कमाई का खेल ऐसा चल रहा है कि निगम अधिकारी कार्रवाई करने के बजाए एजेंसी संचालकों को कैसे कार्रवाई से बच सकते हैं, इसकी गली बता रहे हैं। निगम के राजस्व अनुभाग की ओर से वाट्सएप ग्रुप बना रखा है। इसमें अवैध रूप से होर्डिंग्स लगाने वालों को भी जोड़ रखा है। इस ग्रुप ने अवैध होर्डिंग्स लगाने के फोटो भी अपलोड हैं, साथ ही फ्लेक्स हटा दिए हैं, इसके फोटो भी डाले गए हैं। हैरानी की बात यह है कि ग्रुप में निगम आयुक्त वासुदेव मालावत व उपायुक्त (राजस्व) कीर्ति राठौड़ भी जुड़ी हैं।