कोटा में सीवरेज प्लांट से रोज बनेगी 5300 यूनिट बिजली
राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना के तहत कोटा में चार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं। इनमें से एक प्लांट पर बिजली उत्पादन भी होगा।
कोटा
Published: January 26, 2022 07:02:42 pm
कोटा. राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना के तहत धाकडख़ेड़ी में बनाए जा रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के साथ ही बिजली उत्पादन करने का संयंत्र भी बन रहा है। यह सीवरेज के स्लज से हर रोज 5300 यूनिट बिजली का उत्पादन करेगा। ठोस वेस्ट से पहले गैस बनेगी और गैस से बिजली बनाई जाएगी। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को चलाने के लिए जितनी बिजली की जरूरत होगी, उसकी करीब 18 प्रतिशत बिजली यहीं बन जाएगी। योजना के तहत बन रहे चारों एसटीपी में खाद बनेगा और फसलों के लिए उपचारित पानी भी उपलब्ध होगा। पानी के संग्रह के लिए ओवरहैड जलाशय बनाए गए हैं। यहां से पानी खेतों तक जाएगा। योजना के अधीक्षण अभियंता के.के. अग्रवाल ने बताया कि यह मल्टीपरपज परियोजना है। सीवरेज लाइन चालू होने के बाद जहां कई तरह की बीमारियों से निजात मिलेगी, वहीं उपचारित पानी का खेती में उपयोग हो सकेगा। जिससे गंदा पानी चम्बल नदी में नहीं जाएगा। इसके साथ ही खाद का भी उत्पादन होगा। उन्होंने कहा, सीवरेज परियोजना सीधी पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य से जुड़ी योजना है। सीवरेज सफल होता तो चम्बल दूषित होने से बचेगी। अभी कोटा में नगर विकास न्यास और आरयूआईडीपी के तहत सीवरेज का कार्य चल रहा है। दोनों एजेंसी का कार्य पूरा होने के बाद भी 27 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्र सीवरेज से वंचित रहेगा। ऐसे में कोटा शहर के लिए एक और सीवरेज परियोजना की जरूरत है, जिससे पूर शहर को कवर किया जा सके। पहले चरण में कोटा में केवल 72 किमी सीवरेज लाइन डाली है, जो शहर के 11 प्रतिशत क्षेत्र को ही कवर करती है। अभी 376 किमी लाइन डालने का कार्य चल रहा है। नगर विकास न्यास के सीवरेज प्रोजेक्ट के पूरा होने पर 73 प्रतिशत शहरी क्षेत्र कवर हो जाएगा।

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