जानकारी के अनुसार बारां जिला निवासी एक प्रसूता को प्रसव पीड़ा होने के बाद परिजन दोपहर करीब दो बजे सांगोद अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां चिकित्सकों ने प्रसूता की जांच की और एचबी की मात्रा कम होने पर उसे कोटा रैफर कर 108 एम्बुलेंस को सूचित कर दिया।
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आठ बजे तक नहीं पहुंची एम्बुलेंस रात आठ बजे तक भी एम्बंलेंस नहीं पहुंची। परिजनों के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे अपने स्तर पर किराए पर वाहन की व्यवस्था कर प्रसूता को कोटा ले जा सके। ऐसे में प्रसूता यहां 108 एम्बूलेंस के इंतजार में कराहती रही। सांगोद उपखंड की 108 एम्बुलेंस खराब होने से कोटा में खड़ी है। ऐसे में विभागीय स्तर पर जयपुर कॉल सेंटर से परिजनों को कभी कनवास से तो कभी मिर्जापुर तो कभी अन्य जगह से वाहन आने का भरोसा दिलाया जाता रहा। यहां कई सालों से 104 एम्बुलेंस सेवा की कमी खल रही है। क्षेत्र में सबसे अधिक प्रसव सांगोद अस्पताल में होते हैं लेकिन यहां अभी तक सरकार 104 एम्बुलेंस वाहन मुहैया नहीं करवा पाई। इसका खामियाजा प्रसूताओं को उठाना पड़ रहा है।
नहीं हुई लापरवाही प्रसूता के परिजन काफी समय तक यह तय नहीं कर पाए कि प्रसूता को कोटा ले जाएं या पुन: बारां। समझाने पर वे कोटा ले जाने को तैयार हुए। 108 एमबुलेंस की कुछ दिक्कत रही होगी लेकिन अस्पताल स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हुई।