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रोडवेजकर्मी की बाबूगिरी: राजस्थान में 650 चालक-परिचालक अनफिट बताकर कर रहे मजे, कई बिना काम किए ही हो गए रिटायर्ड

Rajasthan Roadways: कई कर्मचारी मिल जाएंगे, जो भर्ती तो चालक-परिचालक के रूप में हुए थे, लेकिन उन्होंने पदानुसार काम नहीं किया। कई बाबूगिरी करते हुए रिटायर तक हो गए।

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कोटा

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Akshita Deora

Dec 02, 2024

अंकित राज सिंह चंद्रावत

एक तरफ रोडवेज चालक-परिचालकों की कमी से जूझ रहा है। वहीं, दूसरी ओर शारीरिक अनफिट के नाम पर हर डिपो में तमाम कर्मचारी मजे से बाबूगिरी कर रहे हैं। बीमारी के नाम पर एक बार अनफिट घोषित किए गए रोडवेजकर्मी अब फिट हैं, लेकिन रूट पर चलने को तैयार नहीं हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी नेता ने बताया कि इस तरह के कई कर्मचारी मिल जाएंगे, जो भर्ती तो चालक-परिचालक के रूप में हुए थे, लेकिन उन्होंने पदानुसार काम नहीं किया। कई बाबूगिरी करते हुए रिटायर तक हो गए।

फैक्ट फाइल

4055 कुल चालक

4439 कुल परिचालक

650 कुल चालक परिचालक मेडिकल पर बैठे

450 चालक की संख्या

200 परिचालक की संख्या
(आंकड़े: राजस्थान रोडवेज मुख्यालय)

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केस 1: कोटा डिपो के चालक गिर्राज के पैर में फ्रैक्चर होने के बाद इन्हें वर्कशॉप में अन्य काम पर लगा दिया था। अभी बिना स्टिक के चल रहे हैं। बाइक चला रहे हैं। बस नहीं चलानी है। नयापुरा पूछताछ पर लगा रखा है।

केस 2: कोटा डिपो के चालक बहादुर के पैर में फ्रैक्चर होने के कारण इन्हें ऑफिस में काम लिया जा रहा था। करीब एक साल पूरा हो जाने के बाद भी इन्हें रूट पर नहीं भेजा गया। फिलहाल नयापुरा बुकिंग पर लगा रखा है।

केस 3: कोटा डिपो परिचालक गोविंद मेरोठा को टीबी होने के कारण 28 नवंबर 2022 से बस स्टैंड पर काम में लिया जा रहा है। रूट पर चलने से बचने के लिए बीमारी बता देते हैं। अभी टीएम शाखा में काम कर रहे हैं।

बरसों से मेडिकल पर चल रहे कर्मचारियों का पुन: मेडिकल मुख्यालय के द्वारा करवाया जाएगा। इस संबंध में सभी डिपो के चीफ मैनेजर के लिस्ट मांगी है।

  • पुरुषोत्तम शर्मा, एमडी राजस्थान रोडवेज

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ऐसे कर्मियों पर नहीं की कार्रवाई

हालात यह है कि राजस्थान रोडवेज में अगर किसी कर्मचारी को अनफिट का मेडिकल मिल जाता है तो उसके बाद रोडवेज प्रशासन उससे फिट होने का प्रमाण पत्र लेता ही नहीं है। इसके चलते कई कर्मचारी बरसों से अपने पद के विपरीत काम कर रहे हैं। अन्य कर्मचारियों की शिकायत के बावजूद फिट हो चुके कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।