scriptमातम में बदली मंगल घडिय़ां…हादसे में दूल्हे सहित 9 की मौत | 9 including the groom died in the accident, Kota news | Patrika News

मातम में बदली मंगल घडिय़ां…हादसे में दूल्हे सहित 9 की मौत

locationकोटाPublished: Feb 20, 2022 09:16:45 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

क्या पता था बहू को घर में लेने की जगह उठेंगी अर्थियां
दूल्हे के पिता बोले…उनका सब कुछ हो गया खत्म
किसी ने दोस्त खोया तो किसी ने भाई

मातम में बदली मंगल घडिय़ां...हादसे में दूल्हे सहित 9 की मौत

मातम में बदली मंगल घडिय़ां…हादसे में दूल्हे सहित 9 की मौत

कोटा. घर में बहू लाने के अरमान जगे हुए थे। भाई बंधों व परिजनों के साथ चौथ का बरवाड़ा से खुशियों के साथ बारात की बस रवाना हुई थी, लेकिन यह बस उज्जैन स्थित दुल्हन के घर तक भी नहीं पहुंच सकेगी, यह शायद किसी ने नहीं सोचा होगा। अभी बारातियों की बस कोटा-झालावाड़ रोड स्थित केबलनगर के पास पहुंची ही थी कि कार मालिक का फोन आया, फोन सुनत ही पैरों तले जमीन खिसक गई। सारी खुशियां पलभर में काफूर हो गई।
मंगल गीत मातम में बदल गए। दूल्हे समेत चम्बल में कार के समा जाने से एक साथ 9 जनों की मौत से बस में कोहराम मच गया। चीख-पुकार मच गई। करुण-क्रंदन सुनाई पडऩे लगा। ऐसे में बस ड्राइवर ने वापस बस कोटा की ओर घुमाई और सीधे अस्पताल की मोर्चरी पहुंची। तब तक घटना स्थल चम्बल की छोटी पुलिया से शव यहां लाए जा चुके थे। अस्पताल की मोर्चरी का हाल देख परिजनों के होश उड़ गए। उनका अपनों के शवों को देख दिल दहल उठा। कलेजा फट गया। बारातियों के मोर्चरी पर पहुंचने से पहले ही मोर्चरी के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। हर कोई अपनों की तरह परिजनों को दिलासा देता नजर आया। हर किसी की आंखें भर आई।
पिता बार-बार अपनी सुध-बुध खो रहे थे। वह बस इतना ही कह सके कि…मेरा तो सब कुछ खत्म हो गया। दूल्हे के भाई सावन की भी ऐसी ही स्थिति थी। वह बार-बार विलाप कर रहा था। उसने बताया कि सुबह 4 बजे ही शुभम से बात हुई थी। उसने रास्ते में चाय पीने के लिए रुकने की बात कही थी। क्या पता था कि यह उसकी व मेरी आखरी बात होगी। दो महीने पहले ही उसके छोटे भाई शुभम की शादी हुई थी। हे भगवान अब क्या होगा…कुछ समझ में नहीं आ रहा…कहते कहते सावन फफक पड़ा।
सदा के लिए जुदा हुए दोस्त

मृतक के दोस्त सौरभ ने बताया कि कार में साथी राहुल सवार था। वह जयपुर से शादी में शिरकत करने आया था। उसके साथ तीन दोस्त एक साथ शादी में आए थे। राहुल दूल्हे की कार में सवार हो गया था और हम बस में सवार थे। आखिरी बार राहुल से रात को वीडियो कॉल पर बात हुई थी। उसने कहा था कि नींद नहीं आ रही। इस पर उससे बोला था हमारी गाड़ी में आ जा, लेकिन वो नहीं आया। हादसे में उसकी भी मौत हो गई। अब हम कभी नहीं मिल पाएंगे।
साइरन बजता रहा, आंसू निकलते रहे

मोर्चरी में पोस्टमार्टम के बाद शवों को एक-एक कर नौ एम्बुलेंस से रवाना किया। एक के बाद एक साइरन बजाती एम्बुलेंस रास्ते से गुजरी तो सबकी आंखें नम हो गई।
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