scriptड्राइव करते समय लगी झपकी तो आपको जगाएगा हाई-फाई चश्मा | A nap while driving will wake you up to hi-fi specs | Patrika News

ड्राइव करते समय लगी झपकी तो आपको जगाएगा हाई-फाई चश्मा

locationकोटाPublished: Sep 23, 2019 05:58:51 pm

Submitted by:

mukesh gour

11वीं कक्षा के छात्र प्रत्युष ने बनाया विशेष तरह का चश्मा : सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मिलेगी मदद

A nap while driving will wake you up to hi-fi specs

A nap while driving will wake you up to hi-fi specs

हेमन्त शर्मा. कोटा. कार व अन्य वाहनों को ड्राइव करते समय कई बार झपकी लग जाती है। खास तौर पर लंबी दूरियों तक वाहन चलाने व नींद पूरी नहीं होने के कारण आने वाली पलभर की यही झपकी कई बार जीवन पर भारी पड़ जाती है। लेकिन अब एक विशेष प्रकार का चश्मा वाहन चलाते समय आपको झपकी लगने ही नहीं देगा। जी हां, यह चश्मा आपको झपकी लगते ही जगा देगा। विज्ञान नगर निवासी 11वीं कक्षा के विद्यार्थी प्रत्युष सुधाकर ने एक ऐसा ही विशेष चश्मा तैयार किया है। यह चश्मा वाहन चलाते समय चालक को नींद से जगा देगा। इससे झपकी लगने के होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।

इसलिए बनाया यह चश्मा

प्रत्युष बताते हैं कि वाहन चलाते समय नींद आने से होने वाली दुर्घटनाओं का आंकड़ा काफी बड़ा है, जो चिंता का विषय है। गाड़ी में अन्य सवारियों की जिदंगियां भी चालक की सुरक्षात्मक ड्राईविंग पर निर्भर करती है। सीआर आर आई (सेन्ट्रल रूट रिसर्च सेंटर) लखनऊ के एक सर्वे के मुताबिक 20 फीसदी सड़क दुघटनाऐं वाहन चलाते समय नींद या झपकी लगने से होती हैं। इसे देखते हुए प्रत्युष के मन में इस तरह का उपकरण बनाने का विचार आया।
ऑर्डिनो सिद्धांत पर कार्य
विज्ञान के विद्यार्थी प्रत्युष सुधाकर ने बताया कि यह चश्मा विज्ञान के आर्डिनो सिद्धांत पर कार्य करता है। यह कम्प्यूटराईज्ड सॉफ्टवेयर पर आधारित है। इसमें कुछ छोटे-छोटे उपकरण लगाए गए हैं। चश्मे पर एक आईआर सेंसर लगा है। एक ग्लास पर छोटी टॉर्च के बल्ब नुमा एक आईआर एलईडी व फोटो डायोड है। जैसे ही झपकी आने पर पलकें बंद होती है तो यह मैसेज फोटो डायोड ले लेता है। इस तरह प्राप्त सिग्नल चश्में में लगाए अन्य उपकरण ऑर्डिनो नेनो के माध्यम से वाइब्रेटर व बजर को मिलते हैं। इससे वाईब्रेशन के साथ तेजी से सायरन बजने लगता है। वाइब्रेशन व साइरन की तीव्रता चालक की नींद को उड़ा देती है।
वर्कशॉप का मिला फायदा
प्रत्युष ने गत वर्ष जुलाई में साइंस की वर्कशॉप में भाग लिया था। इसमें वन लाइनर रोबोट बनाना सीखा। इससे विचार आया कि क्यों ने रूट सेफ्टी डिवाइस बनाया जाए। इस पर कार्य करना शुरू कर दिया। इसे तैयार करने में छह माह लगे। प्रत्युष के पिता आशीष सुधाकर एचडीएफसी बैंक में मैनेजर हैं। जबकि मां ममता सक्सेना दादाबाड़ी स्थित बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में फिजिक्स की व्याख्याता हैं।
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