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https://www.patrika.com/kota-news/pre-monsoon-soaked-in-jhalawar-got-relief-7587434/ - इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा हालात खराब स्थानीय निवासी विनोद बुर्ट, राकेश चक्रधारी, सुनीता शुक्ला व बच्ची बाई ने बताया कि 20 अप्रेल से प्रेम नगर तृतीय तेजाजी का चौक, पंचमुखी चौराहा, ब्रेकरी की गली, भैरूजी की गली, इन्द्रिा गांधी नगर, पावर हाउस, गोविंद नगर, श्रीराम नगर, विज्ञान नगर चन्द्रशेखर आवासीय योजना क्षेत्र में नलों में पर्याप्त पानी नहीं आ रहा है। पानी के समय बिजली गुल हो जाए तब मात्र 10 से 15 मिनट पानी आता है। कई बार तो नलों में हवा आती रहती है, लेकिन पानी नहीं आता है। बीते तीन दिन से तो नलों में पानी की एक बूंद भी नहीं आई है। हैंडपम्पों पर पानी के लिए भीषण गर्मी व रात के समय रातीजगा करना पड़ है। एक मात्र टैंकर आता है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं होता है। हैंडपम्पों व टैंकरों पर भीड़ लगी रहती है। कई बार तो पानी के लिए अपनों के बीच ही मारामारी हो जाती है। कई बार तो पानी के लिए झगड़े की आशंका के चलते टैंकर आते ही नहीं है। यह बाहुल्य श्रमिक क्षेत्र है। श्रमिकों को सुबह काम छोड़कर पानी के लिए जतन करना पड़ रहा है। भरी दोपहरी में बच्चे, महिला, बुजुर्गों को हैंडपम्पों में कतारों में घंटों लगकर पानी का जतन करना पड़ रहा है।
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https://www.patrika.com/kota-news/state-s-dams-await-good-rains-7587923/ पानी की मांग के अनुसार टंकियां भर नहीं रही, बूस्टर भी नहीं लगे डीसीएम व प्रेमनगर क्षेत्र में पानी पहुंचाने के लिए जेके जलदाय चौकी पर दो टंकियां व एक गोविंद नगर में है। इन टंकियों में मांग के अनुसार अधिकारी आधा पानी भी नहीं पहुंचा रहे है। बूस्टर भी नहीं लगे है। इससे अकेलगढ़ से आने वाला पानी इन टंकियों में नहीं पहुंच रहा है। इससे टंकियां खाली पड़ी रहती है। इससे क्षेत्र में पानी नहीं पहुंच रहा है। इसके अलावा पहले अंडरब्रिज से निकलने वाली पाइप लाइन से गोविंद नगर की टंकी से सीधे जलापूर्ति होती थी, लेकिन अब जलदाय विभाग ने इस पाइप लाइन को विज्ञान नगर, संजय नगर से घूमा दिया। इससे भी टंकी नहीं भर पा रही है।
इनका यह कहना अकेलगढ़ से सीधे जेके चौकी की टंकियों को आपूर्ति होती है, लेकिन डीसीएम-प्रेमनगर क्षेत्र टेल इलाका है। इससे पानी नहीं पहुंच पा रहा है। एईएन व जेईएन को पत्र लिखकर टंकियों को भरने के लिए पाबंद कर दिया है। रेलवे ट्रेक के पास यूआईटी की ओर से 700 एमएम की पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए पहले संवेदक ने काम नहीं किया। यूआईटी की ओर से अब दूसरे संवेदक को काम देने की तैयारी की जा रही है। यह पाइप लाइन बिछने के बाद समस्या नहीं रहेगी।
- श्याम माहेश्वरी, अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग