मदर टेरेसा के आध्यात्मिक चिंतन पर उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विविधता पूरे विश्व में सकारात्मक उदाहरण पेश करती है। हमें संवेदनशील होना पड़ेगा, तभी हम समाज को नई दिशा दे सकते हैं। अपने संदेश में डॉ. सुब्बाराव ने कहा कि देवभक्ति और देशभक्ति एक साथ चलनी चाहिए।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. आरएल गोदारा ने कहा कि खुद में बदलाव लाने से ही समाज को बदला जा सकता है। विशिष्ट अतिथि राजस्थान गांधी जीवन दर्शन समिति के संयोजक पंकज मेहता ने कहा कि गांधीजी का फ ोकस स्वरोजगार व स्वदेशी पर था और आज देश में आर्थिक मंदी चल रही है, उसका निस्तारण केवल लघु उद्योगों को बढ़ावा देने से हो सकता है।
इससे पहले संगोष्ठी के संयोजक डॉ. अनिल जैन, सचिव डॉ. कीर्ति सिंह ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया। खुला सत्र में कई प्रतिभागियों ने सवाल किए, जिसका उत्तर डॉ. सुब्बाराव ने दिया। डॉ. सुब्बाराव और पंकज मेहता को स्मृति चिह्न व शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया।
कल्पवृक्ष का पौधा लगाया
डॉ. सुब्बाराव ने परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने कल्पवृक्ष का पौधा भी लगाया। कुलपति प्रो. गोदारा और पंकज मेहता ने भी अशोक का पौधा लगाया। इसके बाद गांधी प्रतिमा पर डॉ. सुब्बाराव ने सूत की माला पहनाई।
सिल्वर बटन का विमोचन
वीएमओयू के ऑनलाइन वीडियो चैनल के एक लाख से ज्यादा सदस्य होने पर यूट्यूब द्वारा दिए गए ‘सिल्वर क्रिएटर अवॉर्डÓ में मिले सिल्वर बटन का विमोचन भी डॉ. सुब्बाराव ने किया। ये बटन अमेरिका से भेजा गया था। वीएमओयू यह अवॉर्ड पाने वाला देश का पहला खुला विश्वविद्यालय है।