दो मंजिला है छतरी
नेचर प्रोमोटर ए एच जैदी बताते हैं कि हाड़ौती में एक मात्र एेसी छतरी है जो 136 खंभोवली है। ये दो मंजिला छतरी है।चारों ओर 8-8 छोटी-छोटी छतरियों से सुसज्जित है। इन छतरियों में प्रत्येक में 6-6 खंभें लगे हैं। इस प्रकार 16 छतरियों में6-6 खंभे यानी कुल 96 खंभे हैं। इनके अलावा 40 अन्य खंभों पर यह छतरी टिकी हुई है। इन छतरियों की कलाकारी भी बेजोड़ है।आकर्षित बेल बूटे, फूल पत्तियां व हाथियों को विभिन्न मुद्राओं में उकेरा गया है। इनके अलावा गणपति, देवी सरस्वती समेत अन्य चित्रांकन किया हुआ है। यह छतरी महाराव शत्रुशाल सिंह प्रथम की है।
देखकर होता है आश्चर्य
जैदी बताते हैं कि कोटा के क्षार बाग का सौन्दर्यकरण 1758-1764 में नगर परिषद द्वारा करवाया गया था। रसायन प्रयोग से इन्हें साफ कर रंग करवाया गया था और हाथियों को आकर्षक रंगो से सजाया गया था। पर्यटकों को आकर्पित करने लिए रात में भी खुबसूरत दिखाई दे इसलिए आकर्षक लाइटें लगवाईं गई थी। सुरक्षा की दृष्टि से गत वर्षों में इसके आसपास चारदीवारी को ऊंचा किया गया। जैदी बताते हैं कि पर्यटक इन छतरियों को देखकर आश्चर्य में पड़ जाते हैं।