कोटा

गोवंश तस्करों से मिलीभगत का आरोप, थाना प्रभारी व एएसआई हटाए

केलवाड़ा में पुलिस द्वारा मवेशियों से भरा ट्रक पकडऩे के बाद गुरुवार सुबह गौवंश गायब मिलने पर लोगों ने हंगामा कर दिया। 

कोटाSep 07, 2017 / 11:14 pm

Deepak Sharma

केलवाड़ा में पुलिस द्वारा मवेशियों से भरा ट्रक पकडऩे के बाद गुरुवार सुबह गौवंश गायब मिलने पर लोगों ने हंगामा कर दिया।

केलवाड़ा (बारां). जिले के केलवाड़ा कस्बे में बुधवार देर रात पुलिस द्वारा मवेशियों से भरा ट्रक पकडऩे के बाद गुरुवार सुबह इनमें से एक गौवंश गायब मिलने पर बजरंग दल व गौ रक्षा समिति समेत हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भारी हंगामा कर दिया। कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर मिलीभगत कर गौवंश छोडऩे का आरोप लगाते हुए आधे कस्बे में बाजार बंद करा दिए, धरना-प्रदर्शन किया गया। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए यहां आस-पास के थानों का जाप्ता तैनात किया गया। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी पहुंचे। गुस्साए कार्यकर्ताओं से वार्ता की गई लेकिन कार्यकर्ता देर शाम तक थाना प्रभारी व एएसआई के तुरंत स्थानांतरण की मांग पर अड़े हुए थे। कस्बे में विश्वकर्मा तिराहे पर शाम तक धरना जारी था। रात तक चली वार्ता के बाद एएसपी ने मामले की जांच होने तक थाना प्रभारी व एएसआई को हटाने का आश्वासन दिया। इसके बाद लोग धरने से हटे।
 

 

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बजरंगदल एवं गौरक्षा सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने रात को खुशियारा के पास मवेशियों से भरे ट्रक को पकड़ा था। केलवाड़ा पुलिस आरोपियों एवं ट्रक को केलवाड़ा थाने में ले आई। रात्रि होने की वजह से कार्यकर्ताओं के समक्ष केलवाड़ा थाना प्रभारी नारायण राम ने मवेशियों की गिनती कर उन्हें केलवाड़ा पशु चिकित्सालय में छुड़वा दिया। यहां गिनती के दौरान ट्रक में कुल चौबीस भैस पाडे एवं एक गौवंश सहित पच्चीस मवेशी थे। कार्यकत्र्ता जब सुबह यहां पहुंचे तो एकमात्र गौवंश गायब था जबकि सारे पाडे मौजूद मिले। इसकी शिकायत करने जब कार्यकर्ता वापस थाने में आए तो केलवाड़ा थाना प्रभारी ने उन्हें डांट-डपटकर भगा दिया जिससे कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और हंगामा शुरू कर दिया।
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पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
शाहाबाद से पुलिस उपाधीक्षक जसवंत सिंह व एसडीएम भूपेन्द यादव भी पहुंच गए। पुलिस उपाधीक्षक कार्यकर्ताओं की शिकायतें सुनने पहुंचे तो भाजपा के जिला मंत्री आनंद जैन, विहिप के मांगीलाल गौड़, बजरंगदल के लखन ओझा सहित कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर जमकर रोष जताया। आरोप लगया कि केलवाड़ा थाना प्रभारी ने मोटी रकम लेकर मवेशियों में से गौवंश को छोड़ दिया ताकि आरोपियों को आसानी से छोड़ा जा सके। कार्यकर्ताओं का कहना था कि थानेदार ने पहले उन्हें धमकाया, फिर बात बिगड़ती देख उन्हें पचास हजार रुपए का लालच देकर चुप रहने को कहा।
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अड़े रहे कार्यकर्ता
शाम को शाहाबाद एसडीएम व पुलिस उपाधीक्षक ने कार्यकर्ताओं को थाने बुलाकर वार्ता की। उपाधीक्षक का कहना था कि वे मामले की जांच कर रहे है और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही करेंगे जबकि बजरंगदल कार्यकर्ता थाना प्रभारी के स्थानांतरण की मांग पर अड़े रहे।

मामले की जांच शाहाबाद उपाधीक्षक कर रहे हैं। जांच प्रभावित न हो, इसलिए फिलहाल थाना प्रभारी व एएसआई को थाने से कार्यमुक्त किया गया है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्यवाही होगी।
मनोज चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बारां
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