सोया उत्पादों से कैसे बनेंगे आत्मनिर्भर, ऑनलाइन देंगे ट्रेनिंग
कोटाPublished: Aug 05, 2020 04:53:33 pm
कृषि विज्ञान केन्द्र की अनूठी पहल
सोया उत्पादों से कैसे बनेंगे आत्मनिर्भर, ऑनलाइन देंगे ट्रेनिंग
कोटा। राजस्थान पत्रिका की ओर से सोयाबीन के उत्पादों को पहचान दिलाने तथा युवाओं को सोया प्रसंस्करण क्षेत्र से जोडऩे के लिए जो मुहिम शुरू की है, उसके सार्थक परिणाम सामने आने लगे हैं। देशभर के युवा सोयाबीन प्रसंस्करण की तकनीक की जानकारी लेने के लिए कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र पर सम्पर्क कर रहे हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से वाट्ऐप ग्रुप बनाकर युवाओं को सोयाबीन प्रसंस्करण की तकनीक की जानकारी दी जा रही है। कृषि विज्ञान केन्द्र, कोटा को सोयाबीन प्रसंस्करण की तकनीकी में विशेष कार्य करने पर सम्पूर्ण भारत वर्ष के युवाओं से सराहना मिल रही है। वर्ष 2014 से 2019 के दौरान यहां से खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में प्रशिक्षित 28 युवाओ ने सम्पूर्ण भारत में अपने प्लांट लगाए हैं। युवा वर्ग डॉ. ममता तिवारी से फ ोन व ई-मेल के माध्यम से लगातार प्रशिक्षण के लिए आग्रह कर रहें थे, अत: कोविड-19 के दौर में ऑनलाइन प्रशिक्षण को माध्यम बनाकर गुंजन सनाढ्य से एक वाट्सअप ग्रुप बनवाकर सम्पूर्ण देश के इच्छुक युवाओं को ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की पहल की। गुंजन का कहना है कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य युवाओं को सोयाबीन प्रसंस्करण तकनीकी की विस्तृत जानकारी देना है। ऑनलाइन प्रशिक्षण में विभिन्न प्रदेशों राउरकेला (उडीसा) गुरूग्राम (हरियाणा), लुधियाना (पंजाब), मुंबई, नासिक (महाराष्ट), बडौद (गुजरात), भावनगर (सौराष्ट्र) जहानाबाद (बिहार), इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश), सतना व पन्ना (मध्य प्रदेश) व अजमेर, झुंझुनु, धौलपुर (राजस्थान) आदि के युवाओं ने ऑनलाइन प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के दौरान डॉ. ममता तिवारी ने प्रोटीन युक्त सोयाबीन की स्वास्थ्य की दृष्टि से उपयोगिता, इसके पौष्टिक गुण एवं उद्यमिता के लिए सोया दूध एवं पनीर की आर्थिकी का विस्तृत विवरण स्लाइड प्रेजेन्टेशन के माध्यम से युवाओं को समझाया। नाबार्ड के प्रबंधक श्री राजीव दायमा ने नाबार्ड की योजनाओं एवं सब्सिडी की जानकारी दी। कोटा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि केन्द्र पर इस तरह के लगातार प्रशिक्षण दिए जाते हैं।