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अनदेखी: राजस्थान में यहां 40 साल से रिक्त चल रहा पद, सिर्फ 2 पोस्टमैन के भरोसे डाक वितरण की व्यवस्था

Post Office Ramganjmandi: वर्तमान में पूरे शहर की डाक वितरण व्यवस्था दो पोस्टमैन संभाल रहे हैं। एक पद 40 साल से रिक्त चल रहा है। सन 1984 के बाद उसकी पूर्ति एवजी में पूर्व कर्मचारियों को रखकर पूरी करनी पड़ रही है।

कोटाDec 13, 2024 / 10:12 am

Akshita Deora

Rajasthan News: रामगंजमंडी में भारतीय डाकघर खुले 63 साल की लम्बी अवधि बीत चुकी है। किराये के भवन में संचालित होने वाला डाकघर अपने भवन में चला गया। डाकघर के कामकाज भी बढ़ गए। शहर की आबादी भी इस अवधि में करीब सात गुना से ज्यादा बढ़ चुकी है। विभाग की कई योजनाएं भी इस अवधि में लॉन्च हो गई, लेकिन जिस पोस्टमैन के नाम से डाकघर की पहचान कायम है। उसके पद 6 दशक के अंतराल में आबादी बढ़ने व शहर का विस्तार होने के बावजूद नही बढ़ सके। वर्तमान में पूरे शहर की डाक वितरण व्यवस्था दो पोस्टमैन संभाल रहे हैं। एक पद 40 साल से रिक्त चल रहा है। सन 1984 के बाद उसकी पूर्ति एवजी में पूर्व कर्मचारियों को रखकर पूरी करनी पड़ रही है।
वर्तमान में आबादी के हिसाब से यहां पांच पोस्टमैन होने चाहिए, लेकिन विभाग की तरफ से लम्बे समय से रिक्त पद भरने की कवायद अमल में नहीं लाई जा रही है।रामगंजमंडी में 1961 में पोस्ट ऑफिस खोला गया था। उस समय रामगंजमंडी पालिका क्षेत्र सिर्फ सात बाजार कुछ मोहल्ले व हनुवतखेडा गोरधनपुरा गांव शामिल था। तब करीब सात हजार की आबादी में भारतीय डाक तार विभाग में तीन पोस्टमैन नियुक्त किए थे। कोटा स्टोन पत्थर, धनिया मंडी से कारोबार फैला तो रामगंजमंडी में व्यापार करने के लिए दूरस्थ शहरों से लोग यहां रोजगार के सिलसिले में आए और यहां के मूल निवासी हो गए। यह क्रम 1990 से 2020 तक चला। वर्तमान में रामगंजमंडी नगर की आबादी कृषि भूमि में कटने वाली कॉलोनियों के कारण दूरदराज तक फैली हुई है। शहर का दो दिशाओं में तो आबादी का ग्राफ पंचायतों की सीमा तक आ गया है। वर्ष 2013 ऐसा साल था जिसमे यहां पोस्टमैन की संख्या बढ़ाकर चार कर दी गई। लेकिन इसके बाद यह संख्या तीन और वर्तमान में दो पर आकर ठहर गई। अब दो पोस्टमैन के जिम्मे पूरे शहर की डाक वितरण व्यवस्था है।
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समय के साथ बढ़ा गया पोस्टमैन का कामकाज


जानकारों का कहना है कि पोस्टमैन के पास पहले डाक वितरण व्यवस्था का जिम्मा था। विभाग ने आईपीपीबी खाते खोलने की जिम्मेदारी के साथ पोस्टमैन को लेनदेन का अधिकार भी सौंपा हुआ है। बैंकों की चेक बुक, सरकारी विभागों की डाक पोस्ट ऑफिस के माध्यम से वितरित हो रही हैं। स्पीड पोस्ट की आने वाली डाक का वितरण बीना हस्ताक्षर किए नहीं होता। इतनी सारी जिम्मेदारियों के बावजूद पदों में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। हालांकि हर साल पदों में बढ़ोतरी करने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र जरूर लिखा जा रहा है।

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