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दिवाली पर मिठाइयां खा लेंगे हम, उसके बाद आएगी सैम्पल की मिलावट रिपोर्ट !

locationकोटाPublished: Nov 01, 2020 12:19:29 am

Submitted by:

Kanaram Mundiyar

बड़ा सवाल : त्योहार पर लिए जाने वाले सैम्पल की जांच रिपोर्ट त्वरित क्यों नहीं आती ?
पिछले साल की दिवाली पर लिए गए मिठाई व दूध निर्मित प्राडॅक्ट के नमूनों की रिपोर्ट तब आई, जब ऐसी मिठाइयां खाकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो चुका थापत्रिका अलर्ट : त्योहार पर जांच-परख के बाद ही खरीदें मिठाइयां

Adulteration in Sweets report of the sample will come after Diwali

दिवाली पर मिठाइयां खा लेंगे हम, उसके बाद आएगी सैम्पल की मिलावट रिपोर्ट !

कोटा.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के दल इन दिनों शुद्ध का युद्ध अभियान के तहत मिठाइयां व अन्य खाद्य सामग्री के नमूने ले रहे हैं, लेकिन इन नमूनों की रिपोर्ट दिवाली के बाद आएगी। यानी त्योहारों पर बड़े स्तर पर लोग मिलावटी मिठाई खा लेंगे।
पिछले साल की दिवाली पर लिए गए मिठाई व दूध निर्मित प्राडॅक्ट के नमूनों की रिपोर्ट तब आई, जब ऐसी मिठाइयां खाकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो चुका था।

बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि सरकार की ओर से त्योहार पर लिए जाने वाले सैम्पल की जांच त्वरित क्यों नहीं करवाई जाती।
एक दिन में 2 से 5 सेम्पल की जांच-
कोटा के एमबीएस अस्पताल परिसर में संभाग की सबसे बड़ी व एकमात्र मानक प्रयोगशाला है। इस प्रयोगशाला में कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां जिले के सैम्पल की जांच होती है। इस प्रयोगशाला में 72 सेम्पल का वर्तमान में बैकलॉग है। जबकि प्रयोगशाला में प्रतिदिन सेम्पल की जांच क्षमता सिर्फ २ से 5 सेम्पल की है।
अब तक मात्र 12 सैम्पल
सरकार ने दिवाली त्योहारी पर मिलावट पर लगाम कंसने के लिए 26 अक्टूबर से फिर से शुद्ध का युद्ध अभियान चला दिया। जिसमें अब तक मात्र 12 नमूने ही लिए गए हैं।
जांच में इतना लगता है समय
मसाले- 3 से 5 दिन

खोया मावा-2 दिन
तेल- 2 से 3 दिन

दूध-2 दिन
(लेकिन बैकलॉग अधिक रहने से देरी से आ रही रिपोर्ट)

रिपोर्ट का 14 दिन का है प्रावधान
खाद्य सामग्री की जांच रिपोर्ट अमूमन 14 दिन में आने का प्रावधान है, लेकिन कई बार तो 40 दिन में रिपोर्ट मिल पाती है। एेसे में त्योहार पर विक्रेता मिलावटी मिठाई बेच देते हैं।
हर साल 30 प्रतिशत नमूने फेल
हर साल ३० प्रतिशत नमूने फेल हो जाते हंै। 2019 में 1074 नमूने लिए थे। इनमें से 330 तो फेल हो गए थे। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा टीम ने पिछले साल 2019 में दिवाली पर घी, दूध, दही, पनीर, मावा, आइसक्रीम के ८२ सेम्पल लिए थे। उसमें से बर्फी मिठाई, मावा, बेसन के लड्डू, रसगुल्ला, आइसक्रीम के 10 नमूने फेल हो गए थे। चौकाने वाला पहलू तो यह है कि रिपोर्ट तब आई जब लोग खराब बेसन के लड्डू व रसगुल्ले खा चुके थे।
लोग ऐसे बरतें सावधानी-
-त्योहार के समय मिलावट अधिक की जाती है, इसलिए पैठ वाली दुकान से ही खरीद करें।

-जहां तक संभव हो, त्योहार पर मिठाइयां घर में ही बनाएं।
-घी भी मार्का व पैठ की ब्रांड का ही खरीदना चाहिए। खरीद से पहले रैपर, सील व एक्सपाइरी डेट आदि की जांच अवश्य कर लें।
-मसाले साबुत खरीदकर घर में ही पीसकर काम में लेने चाहिए।


यहां करें शिकायत-

कहीं पर भी मिलावट की आशंका होने पर कोई भी व्यक्ति कोटा के सीएमएचओ कार्यालय या राज्य स्तर पर आयुक्त खाद्य सुरक्षा व निदेशक को शिकायत कर सकते हैं।
इनका यह कहना है-
पुराना बैकलॉक 60 सेम्पल का हो गया है। शुद्ध का युद्ध अभियान में भी सेम्पल आ रहे हैं। एेसे में पुराना व नया दोनों बैकलॉग के पूरा होने में समय लगेगा। दिवाली से पहले इन सेम्पल की जांच रिपोर्ट आना नामुमकिन है।
-प्रियंका सोनी, खाद्य विश्लेषक व प्रभारी, खाद्य संरक्षा व मानक प्रयोगशाला

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