रेलवे की 2002 में ऑनलाइन टिकट सुविधाओं को शुरू करने के बाद से इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) बाजार की स्थिति के अनुसार सेवाकर लगाती है। डिजीटल पेमेन्ट को प्रोत्साहित करने के लिए नवम्बर 2016 में सेवाकर हटा दिया गया था।
इस बारे में रेल प्रशासन का कहना है कि आईआरसीटीसी टिकटिंग अवसंरचना के अनुरक्षण, उन्नयन और विस्तार में काफ ी मात्रा में व्यय करती है। टिकट संबंधी अवसंरचना के अनुरक्षण उन्नयन और विस्तार में लगी लागत को वसूल करने के लिए 1 सितंबर 2019 से आईआरसीटीसी द्वारा गैर वातानुकूलित श्रेणियों के लिए 15 और वातानुकूलित श्रेणियों के लिए 30 रुपए प्रति टिकट का सेवाकर वसूला जा रहा है।