red also : अपना घर नहीं लेकिन, बीमार पत्नी व चार बच्चों संग ‘बंगले’ में रह रहा इस तरह बनेंगे 75 हजार मास्क
जिले में महिला बाल विकास विभाग की सात परियोजनाओं में तीन विभागीय सीडीपीओ व दो अन्य विभागीय सीडीपीओ, 51 सेक्टर में 24 महिला पर्यवेक्षक, 1539 कार्यकर्ता, 1309 आशा सहयोगिनी एवं महिला अधिकारिता के तहत 188 ग्राम पंचायतों में साथिन कार्यरत है। इसके लिए तय किए लक्ष्य के मुताबिक प्रति सेक्टर 1500 मास्क मानदेय कर्मी तैयार कर संबंधित महिला पर्यवेक्षक को सात दिवस में उपलब्ध कराएंगी। सेक्टर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा एवं साथिन कम से कम 25 से 30 मास्क बनाकर महिला पर्यवेक्षकों को उपलब्ध कराएंगी। सभी महिला पर्यवेक्षक व सीडीपीओ 200-200 मास्क अपने स्तर से भी बनवाएंगे। इस तरह विभाग की ओर से करीब 70 से 75 हजार मास्क बनाकर जिला प्रशासन के निर्देशानुसार वितरित करना है।
जिले में महिला बाल विकास विभाग की सात परियोजनाओं में तीन विभागीय सीडीपीओ व दो अन्य विभागीय सीडीपीओ, 51 सेक्टर में 24 महिला पर्यवेक्षक, 1539 कार्यकर्ता, 1309 आशा सहयोगिनी एवं महिला अधिकारिता के तहत 188 ग्राम पंचायतों में साथिन कार्यरत है। इसके लिए तय किए लक्ष्य के मुताबिक प्रति सेक्टर 1500 मास्क मानदेय कर्मी तैयार कर संबंधित महिला पर्यवेक्षक को सात दिवस में उपलब्ध कराएंगी। सेक्टर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा एवं साथिन कम से कम 25 से 30 मास्क बनाकर महिला पर्यवेक्षकों को उपलब्ध कराएंगी। सभी महिला पर्यवेक्षक व सीडीपीओ 200-200 मास्क अपने स्तर से भी बनवाएंगे। इस तरह विभाग की ओर से करीब 70 से 75 हजार मास्क बनाकर जिला प्रशासन के निर्देशानुसार वितरित करना है।
नगर परिषद कर रही है ये मास्क वितरित
वैसे नगरपरिषद की ओर से भी शहर समेत नगरपरिषद क्षेत्र में पेम्फलेट, स्टिकर व मास्क का वितरण किया जा रहा है, लेकिन इसके लिए नगरपरिषद का सरकारी फंड ही उपयोग में लिया जा रहा है। आदेश जारी कर विभागीय कर्मचारियों से आर्थिक (मास्क के लिए) सहयोग नहीं लिया जा रहा है। नगरपरिषद की ओर से अब तक करीब 70 हजार मास्क का वितरण किया जा चुका है। हालांकि शुरूआत में व्यापार मंडल व प्रगति संस्थान की ओर से भी नगरपरिषद को कुछ मास्क उपलब्ध कराकर सहयोग किया गया था, लेकिन अधिकांश मास्क नगरपरिषद के स्वयं के फंड से वितरित किए जा रहे है। इसके लिए नगरपरिषद की ओर से तो टैंडर प्रक्रिया भी अपनाई गई।
वैसे नगरपरिषद की ओर से भी शहर समेत नगरपरिषद क्षेत्र में पेम्फलेट, स्टिकर व मास्क का वितरण किया जा रहा है, लेकिन इसके लिए नगरपरिषद का सरकारी फंड ही उपयोग में लिया जा रहा है। आदेश जारी कर विभागीय कर्मचारियों से आर्थिक (मास्क के लिए) सहयोग नहीं लिया जा रहा है। नगरपरिषद की ओर से अब तक करीब 70 हजार मास्क का वितरण किया जा चुका है। हालांकि शुरूआत में व्यापार मंडल व प्रगति संस्थान की ओर से भी नगरपरिषद को कुछ मास्क उपलब्ध कराकर सहयोग किया गया था, लेकिन अधिकांश मास्क नगरपरिषद के स्वयं के फंड से वितरित किए जा रहे है। इसके लिए नगरपरिषद की ओर से तो टैंडर प्रक्रिया भी अपनाई गई।
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हरिशंकर नुवाद, उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग
हरिशंकर नुवाद, उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग
नगरपरिषद क्षेत्र में नगरपरिषद के फंड से मास्क वितरित किए जा रहे है। अब तक करीब 70 हजार मास्क वितरित किए जा चुके हैं। मास्क बनवाने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी अपनाई गई है। शुरू दो-तीन संस्थाओं ने कुछ सहयोग किया था।
मनोज कुमार मीणा, आयुक्त नगरपरिषद
मनोज कुमार मीणा, आयुक्त नगरपरिषद
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लता मिश्रा, जिलाध्यक्ष, आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ (भामसं)
लता मिश्रा, जिलाध्यक्ष, आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ (भामसं)