कोटा

अजमेर दरगाह कमेटी के चेयरमैन कोरोना पॉजिटिव, कोटा में 26 नए कोरोना संक्रमित मिले

कोटा. शहर में शुक्रवार को 26 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। दरगाह कमेटी ख्वाजा साहब अजमेर के चेयरमैन, राजस्थान क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष व भाजपा नेता आमीन पठान कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। कोटा में 26 नए कोरोना संक्रमित मिले।

कोटाOct 30, 2020 / 10:54 pm

Deepak Sharma

अजमेर दरगाह कमेटी के चेयरमैन कोरोना पॉजिटिव, कोटा में 26 नए कोरोना संक्रमित मिले

कोटा. शहर में शुक्रवार को 26 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। दरगाह कमेटी ख्वाजा साहब अजमेर के चेयरमैन, राजस्थान क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष व भाजपा नेता आमीन पठान कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। उनके पास जयपुर नगर निगम चुनाव का प्रभार भी था। उसके बाद वे कोटा में नगर निगम चुनाव में भतीजी के प्रचार में जुट गए। इसी बीच उनकी तबीयत खराब हो गई। बुखार व बदन दर्द होने लगा। गुरुवार को उन्होंने तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में कोविड का सैम्पल दिया, जिसमें वे पॉजिटिव आए हैं। वे होम क्वारेंटाइन हो गए।
वहीं, भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री भाजपा प्रभारी छगन माहुर की भी तबीयत बिगड़ गई। सीटी स्कैन में इंफेक्शन आया है। चिकित्सकों ने उन्हें आराम की सलाह दी।

वृद्धाश्रम से तीन बुजुर्ग पॉजिटिव
करणी नगर विकास समिति के वृद्धाश्रम में बुजुर्ग के हाथ में इंफेक्शन होने पर एमबीएस अस्पताल में जांच कराई। उसी समय दूसरे बुजुर्ग को बुखार आ गया। सम्पर्क में आने वाले यहां चार बुजुर्गों की जांच कराई। इनमें से तीन पॉजिटिव मिले हैं। सुपर पावर थर्मल का एक कर्मचारी, आदित्या आवास में मां-बेटी, तलवंडी में दम्पती पॉजिटिव मिले हैं।
कोविड अस्पताल में भाजपा महिला पदाधिकारी की मौत
भारतीय बौद्ध संघ की राष्ट्रीय सचिव, भाजपा महिला पदाधिकारी, महाराणा प्रताप जन्म आयोजन समिति की पदाधिकारी व रंगबाड़ी निवासी 38 वर्षीय महिला की शुक्रवार को कोविड अस्पताल में मृत्यु हो गई। महिला के पति ने उपचार के लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि पत्नी की 5 अक्टूबर को पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी, लेकिन ऑक्सीजन लेवल कम होने पर उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। 13 अक्टूबर को दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव आई। उनकी स्थिति में सुधार होने के बाद उन्हें जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया। फिर से घबराहट होने पर आईसीयू में शिफ्ट किया गया। उन्हें वेन्टिलेटर पर लिया गया। पति का आरोप है कि जब उनकी पत्नी को वेन्टिलेटर पर लिया गया। उस समय ईसीजी मशीन नहीं चली। बीपी का सेच्युरेशन भी नहीं आया। बीपी डाउन होने लगा तो उन्होंने स्टाफ से कहा कि इंजेक्शन लगाओ। उस समय स्टाफ ने कहा कि मेडिसिन का कोई डॉक्टर ही नहीं है। फिर मरीज को कितनी दवा की डोज देनी है, कौन बताएगा। उनका ऑक्सीजन लेवल कम होता गया और मौत हो गई।
इधर, सीनियर फिजिशियन डॉ. दीप्ति शर्मा ने बताया कि अस्पताल में महिला देरी से आई। उन्हें पहले से फेफड़ों में फाइब्रोसिस की बीमारी थी। लंग्स में इन्फेक्शन हो गया। दवाइयों का भी असर नहीं हुआ। उन्हें रेमडेसिविर व अन्य जीवनरक्षक दवाइयां दी गई। ऑक्सीजन लेवल में सुधार नहीं हुआ और मौत हो गई। उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई।
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